Supreme Court ने दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों पर हलफनामा पेश करने को कहा है।
राजधानी (Delhi) में रहे वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि पटाखों पर प्रतिबंध का आदेश लागू क्यों नहीं हुआ? जस्टिस अभय एस ओका (ccc) और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह (Justice Augustine George Masih) की बेंच ने प्रदूषण के मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि अखबारों की खबरों को देखकर लगता है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लागू ही नहीं किया गया। प्रतिबंध था तो पटाखे कैसे चलाए गए? बेंच ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश और पटाखे जलाने वालों पर कार्रवाई के बारे में हलफनामे में जानकारी देने को कहा। साथ ही दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर से उन उपायों की जानकारी मांगी ताकि अगले साल प्रदूषण के ऐसे हालात नहीं बनें। ऐसे उपायाें में जनता को जागरूक करने का अभियान, पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध जैसे कदम भी शामिल हो सकते हैं। कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर भी नाराजगी जताते हुए हरियाणा (Haryana) और पंजाब (Punjab) की सरकारों से अक्टूबर के आखिरी दस दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बताते हुए 14 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों से भी जवाब मांगा है कि दिवाली के दौरान खेतों में आग लगने की घटनाएं कैसे बढ़ीं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी जवाब एक सप्ताह के भीतर दाखिल किए जाएं, और मामले की सुनवाई 14 नवंबर को निर्धारित की।