Vijay Namakkal Rally: तमिलनाडु में अभिनेता से नेता बने थलपति विजय का मुसीबत पीछे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही है। नामक्कल जिले में आयोजित एक रैली में टीवीके कार्यकर्ताओं ने एक प्राइवेट अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की।
Thalapathy Vijay Namakkal Rally: तमिलनाडु में अभिनेता से नेता बने थलपति विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली और उससे जुड़े घटनाक्रम लगातार विवादों में बने हुए हैं।
अब एक नया मामला नामक्कल जिले से सामने आया है, जहां विजय की एक चुनावी रैली के दौरान हुई हिंसा के तहत एक निजी अस्पताल पर हमला किया गया। इस घटना को लेकर पुलिस ने केस दर्ज किया है और टीवीके के नामक्कल जिला सचिव सतीश कुमार को आरोपी बनाया गया है। करूर में भगदड़ की घटना 27 सितंबर 2025 को तमिलगा वेत्री कझगम प्रमुख विजय की चुनावी रैली में घटी। इसमें नौ बच्चों सहित 41 लोग मारे गए थे।
इस मामले में जब सतीश कुमार ने अग्रिम जमानत के लिए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया तो कोर्ट ने न केवल उनकी याचिका खारिज की बल्कि कड़ी फटकार भी लगाई।
मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब पार्टी कार्यकर्ता हिंसा में शामिल होते हैं, तो पार्टी पदाधिकारी यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। अदालत ने तीखे शब्दों में पूछा, "क्या आपको अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रण में रखना नहीं आता? क्या आपको यह जिम्मेदारी नहीं निभानी चाहिए कि आपकी पार्टी के सदस्य कानून और व्यवस्था का उल्लंघन न करें?"
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाओं से लोकतंत्र और समाज में गलत संदेश जाता है और राजनीतिक दलों को अपने सदस्यों की गतिविधियों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
मद्रास उच्च न्यायालय ने अभिनेता से नेता बने विजय और उनके संगठन, तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पर करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत को लेकर बेहद तीखी टिप्पणी की। न्यायमूर्ति एन सेंथिलकुमार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी असरा गर्ग के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया। साथ ही पार्टी के लापरवाही से भरे आचरण और नेता द्वारा पश्चाताप नहीं दिखाने की निंदा की।
न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने कहा, "एक इंसान होने के नाते, मैं इन मौतों पर शोक व्यक्त करता हूं। एक न्यायाधीश होने के नाते इतनी सारी जानें जाते देखना बहुत कष्टदायक है।" उन्होंने आगे कहा, "आपने क्या कार्रवाई की? आपने ऐसा होने दिया और अब कह रहे हैं कि केवल दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कौन ज़िम्मेदार है? नेता, विजय, गायब हो गए और लोगों की मदद करने वाला कोई नहीं बचा।"
इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि टीवीके की छात्र इकाई टीएवीईसी के कार्यकर्ताओं ने रैली के दौरान एक निजी अस्पताल में तोड़फोड़ की, जिससे अस्पताल को करीब 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
पुलिस के मुताबिक, कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की और वहां मौजूद स्टाफ के साथ भी बदसलूकी की गई। यह हमला रैली के दौरान हुई भगदड़ और अव्यवस्था के चलते हुआ, जब घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया था और कुछ लोगों को यह भ्रम हो गया था कि अस्पताल प्रशासन राजनीतिक कारणों से इलाज में देरी कर रहा है। इसी गलतफहमी के चलते गुस्साए टीवीके समर्थकों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया।
पुलिस ने बताया कि टीवीके के जिला सचिव सतीश कुमार के खिलाफ पहले से ही आठ अन्य मामले दर्ज हैं। इन मामलों में अधिकतर आरोप सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, कानून व्यवस्था बिगाड़ने और सरकारी काम में बाधा डालने से जुड़े हुए हैं।
(स्रोत-आईएएनएस)