Pahalgam Attack: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के बाद अब उनके मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पहलगाम हमले को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले धर्म पूछा होगा।
Pahalgam Terror Attack: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर बयान दिया था। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ युद्ध के पक्ष में नहीं है। अब इसके बाद कर्नाटक सरकार के एक मंत्री भी पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर बयान दिया है। मंत्री के इस बयान के बाद एक और विवाद खड़ा हो गया है।
कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने कहा कि आतंकवादी हत्या करने से पहले उसका धर्म नहीं पूछते। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले किसी का धर्म पूछा होगा। जो व्यक्ति गोली चला रहा है क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा।
कांग्रेस सरकार में मंत्री ने कही पहलगाम में हुए इस हमले से देश परेशान है। साथ ही मंत्री ने इस हमले को धार्मिक मुद्दे के रूप में पेश करने की ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया।
कर्नाटक के मंत्री आरबी तिम्मापुर के बयान पर बीजेपी ने निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा मंत्री की टिप्पणी ने शोक संतप्त परिवारों की निष्ठा का अपमान किया है। राष्ट्रीय शोक की इस घड़ी में सांप्रदायिक कांग्रेस पार्टी जिसने अपनी आत्मा और विवेक को धार्मिक तुष्टिकरण की अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए गिरवी रख दिया है, वह झूठ बोल रही है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में कहा कि वह युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है और केंद्र सरकार को सुरक्षा उपायों पर ध्यान देना चाहिए।
कर्नाटक बीजेपी प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सीमा पार से वज़ार-ए-आला सिद्धारमैया के लिए बहुत-बहुत बधाई! पाकिस्तानी मीडिया सिद्धारमैया की बहुत प्रशंसा कर रहा है और पाकिस्तान के साथ युद्ध के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए भाजपा और अन्य लोगों से मिल रही प्रतिक्रिया से स्पष्ट रूप से निराश है।
सीएम सिद्धारमैया के इस बयान पर बीजेपी ने निशाना साधा है। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि सीएम सिद्धारमैया के पास 40 वर्षों का व्यापक राजनीतिक अनुभव है, लेकिन उन्हें यह भी बुनियादी समझ नहीं है कि क्या बोलना चाहिए और कब बोलना चाहिए।