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बिना इजाजत महिला की फोटो Post करने वालों की खैर नहीं, जानें कितने साल की हो सकती है सजा

Right To Privacy: बिना परमिशन के अगर किसी महिला की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया जाए तो इसे अपराध माना जाता है। इसके तहत आपको सजा भी हो सकती है। आइए जानते है कानून क्या कहता है।

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Jul 10, 2025
Posting Photo on Social Media without Permission (प्रतीकात्मक फोटो)

Post on Social Media: भारत में किसी महिला की सहमति के बिना उसकी फोटो या वीडियो रिकॉर्ड करना और उसे सोशल मीडिया (Social Media) या अन्य प्लेटफॉर्म पर शेयर करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। हाल ही में बेंगलुरु में एक ऐसी घटना सामने आई, जहां एक युवक को महिलाओं की बिना अनुमति वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम (Instagram Post) पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस मामले ने एक बार फिर निजता के उल्लंघन और साइबर अपराध से जुड़े कानूनों पर चर्चा को तेज कर दिया है। आइए जानते हैं कि भारतीय कानून के तहत इस तरह के अपराधों के लिए क्या सजा का प्रावधान है।

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क्या है कानूनी प्रावधान?

भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत बिना सहमति के किसी महिला की तस्वीर या वीडियो लेना और उसे प्रकाशित करना गंभीर अपराध माना जाता है। निम्नलिखित धाराएं इस तरह के मामलों में लागू होती हैं:

आईपीसी धारा 354C (वॉयरिज्म)

यह धारा उस स्थिति को कवर करती है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी महिला के निजी कार्यों (जैसे स्नान करना या अन्य निजी गतिविधियां) को देखता है या उसकी तस्वीर/वीडियो रिकॉर्ड करता है, जो वह सार्वजनिक रूप से नहीं करती।

सजा: पहली बार दोषी पाए जाने पर 1 से 3 साल तक की जेल और जुर्माना।

दूसरी बार अपराध: यदि व्यक्ति दोबारा इस अपराध में दोषी पाया जाता है, तो 3 से 7 साल तक की जेल और जुर्माना।

आईटी एक्ट धारा 66E

यह धारा किसी व्यक्ति की निजी तस्वीरों या वीडियो को बिना अनुमति के लेने और उन्हें सोशल मीडिया या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर प्रकाशित करने से संबंधित है। यह निजता के अधिकार का उल्लंघन माना जाता है।

सजा: 3 साल तक की जेल, 2 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों।

आईटी एक्ट धारा 67

यदि कोई व्यक्ति अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से साझा करता है, तो यह धारा लागू होती है।

सजा: पहली बार अपराध पर 3 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना।

दूसरी बार अपराध: 5 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21

निजता का अधिकार (Right to Privacy) भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकार है। बिना सहमति के तस्वीर या वीडियो शेयर करना इस अधिकार का उल्लंघन है, जिसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

बेंगलुरु में गिरफ्तारी

हाल ही में बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट इलाके में एक युवक, गुरदीप सिंह, को बिना अनुमति महिलाओं के वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एक युवती ने सोशल मीडिया पर इसकी शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। इस घटना ने समाज में निजता और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहस को और तेज कर दिया है।

क्या करें पीड़ित?

शिकायत दर्ज करें: पीड़ित व्यक्ति नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर सकता है। साइबर अपराध शिकायत पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/) या राष्ट्रीय महिला आयोग (http://ncw.nic.in/) पर भी शिकायत की जा सकती है।

कानूनी कार्रवाई: उपरोक्त धाराओं के तहत अपराधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिकायत: संबंधित पोस्ट को हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें। यदि प्लेटफॉर्म कार्रवाई नहीं करता, तो अदालत का सहारा लिया जा सकता है।

सामाजिक जागरूकता की जरूरत

ऐसे अपराध न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और नैतिक रूप से भी निंदनीय हैं। समाज को चाहिए कि महिलाओं की निजता और सम्मान की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाए और ऐसे मामलों में पीड़ितों का समर्थन करे। बेंगलुरु पुलिस की त्वरित कार्रवाई इस बात का उदाहरण है कि कानून पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए तैयार है, बशर्ते शिकायत सही समय पर दर्ज की जाए।

Published on:
10 Jul 2025 04:28 pm
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