पश्चिम बंगाल में बम विस्फोट की जांच के लिए एनआईए जांच की मांग करने पर तृणमूल कांग्रेस के नेता सुवेंदु कुमार दास को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। सुवेंदु ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी
पश्चिम बंगाल में हाल ही में एक बम विस्फोट हुआ था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से इस मामले की जांच कराने की मांग लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय जाने वाले एक तृणमूल कांग्रेस नेता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
सीएम ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने यह एक्शन लिया है। पार्टी नेतृत्व ने तृणमूल कांग्रेस के पूर्वी बर्दवान जिला समिति के उपाध्यक्ष सुवेंदु कुमार दास को निष्कासित कर दिया है।
इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए, तृणमूल कांग्रेस के पूर्वी बर्दवान जिला अध्यक्ष और कटवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रवींद्रनाथ चटर्जी ने कहा कि दास ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर 4 जुलाई को इसी जिले के राजुआ गांव में हुए बम विस्फोट की घटना की एनआईए जांच की मांग की।
चटर्जी ने कहा कि दास ने पार्टी नेतृत्व को विश्वास में लिए बिना याचिका दायर की। चटर्जी ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसी याचिका क्यों दायर की। मैंने अपने नेतृत्व को इस मामले से अवगत करा दिया था। कल रात नेतृत्व की ओर से निर्देश आए कि दास को पार्टी से आजीवन निष्कासित कर दिया जाए। तदनुसार, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब पार्टी नेतृत्व को राज्य पुलिस की विश्वसनीयता पर पूरा भरोसा था, तब दास द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय में एनआईए जांच की मांग करने की घटना और वह भी राज्य के एक मामले में, पार्टी विरोधी गतिविधि मानी गई।
पार्टी से निष्कासित होने के बाद दास की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। बुधवार को, एनआईए जांच की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करने के बाद, उन्होंने कहा था कि वह स्थानीय लोगों की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा कदम उठा रहे हैं।
दास ने कहा कि एक बड़ा विस्फोट हुआ और एक व्यक्ति की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए। एक घर उड़ गया। मुझे नहीं लगता कि यह कोई छोटी घटना थी।
4 जुलाई को पूर्वी बर्दवान जिले के कटवा में बम विस्फोट हुआ था। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद, चटर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें निशाना बनाने के लिए घर में देसी बम बनाए जा रहे थे।