Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान के बाद भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लागू है। सरकार इससे बचने के लिए तमाम उपाय कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार कोरोना काल में अपनाए गए रणनीतियों को दोबारा लागू कर सकती है।
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। 27 अगस्त से भारत पर टैरिफ लागू हो चुका है। अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर निर्यातकों पर पड़ने वाला है। इससे लाखों नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। साथ ही, कैश फ्लो का संकट भी है। मोदी सरकार ट्रंप के टैरिफ बम से बचने के लिए कोविड शैली के नकदी राहत उपायों की योजना बना रही है। साथ ही, वैश्विक बाजार में अमेरिका से इतर मार्केट ढूंढने और ग्लोबल सप्लाई चेन की एकीकरण के लिए मध्यम और दीर्घकालिक रणनीतियों पर भी काम कर रही है।
हिंदुस्तान टाइम्स संग बातचीत के दौरान एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए नकदी संकट का समाधान सबसे पहली प्राथमिकता बनी हुई है। सरकार जल्द ही, ट्रंप टैरिफ से प्रभावित सेक्टर के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है। कोरोना काल में भी मोदी सरकार ने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए सुनियोजित सहायता पैकेज पेश किए थे। इसने उद्योग, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के सामने आने वाली गंभीर नकदी संकट का तुरंत समाधान किया। अब भी इसी तरह के सुनियोजित उपायों की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कोरोना काल में उठाए गए कदमों पर चल सकती है। ट्रंप टैरिफ के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना को फिर से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 100% गारंटी के साथ बिना किसी ज़मानत के ऋण प्रदान किए गए। इसने लॉकडाउन के दौरान लाखों लघु एवं सुक्ष्म उद्योगों को दिवालिया होने से बचा लिया। हालांकि, इस बार में इस योजना में उचित संशोधन किए जाएंगे। इसके साथ ही, सरकार नकदी राहत प्रदान करने, कमजोर क्षेत्रों में रोजगार बनाए रखने के लिए लघु और दीर्घकालिक रणनीतियों पर काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार इसके अलावा नए बाजार में पहुंचने के अवसर, ब्रांडिंग और निर्यातकों का समर्थन करने की योजनाओं की रुपरेखा तैयार कर रही है।
GST2.0 की दरों को उचिता बनाने सहति कई वित्तीय और गैर-वित्तीय उपायों पर विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों से सलाह मशवरा कर रही है। GST सुधार को लेकर अगले सप्ताह GST परिषद की बैठक होने जा रही है। इसका उद्देश्य घरेलू खपत को बढ़ावा देना और विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए टैक्स रेट को कम करना है। उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोग के कारण भारत की अर्थव्यवस्था काफी लचीली बनी हुई है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का टैरिफ भारतीय विकास दर को व्यापक तौर पर प्रभावित नहीं करेगा। अधिकारी ने कहा कि निर्यात अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन यह भारतीय जीडीपी 4.12 ट्रिलियन डॉलर का मामूली हिस्सा महज 10 फीसदी यानी 438 बिलियन डॉलर है। उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप के टैरिफ की चुनौतियों के बावजूद जून में समाप्त तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8% रही, जो मजबूत घरेलू विकास कारकों को रेखांकित करती है।