Helmet Quality Check: केंद्र सरकार ने खराब क्वालिटी के हेलमेट बेचकर जीवन से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
Helmet Quality Check: केंद्र सरकार ने खराब क्वालिटी के हेलमेट बेचकर जीवन से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ देशव्यापारी अभियान चलाने का निर्णय लिया है। उपभोक्ता मंत्रालय (Consumer Ministry) ने हर जिले के DM को मानकों का ध्यान न रखते हुए खराब हेलमेट बेचने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अब तक 162 हेलमेट निर्माताओं के लाइसेंस (License Canceled) समाप्त किए जा चुके हैं। इनमें तीन राजस्थान और 96 दिल्ली के हैं। इसके अलावा, BIS मानक चिह्न (Standard Mark) के दुरुपयोग पर 27 छापे और जब्ती की कार्रवाई की गई है।
केंद्र ने नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक जून, 2021 से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया था। इसके तहत सभी हेलमेट में BIS मानक का पालन करना अनिवार्य है। बिना इस प्रमाणन के निर्मित या बेचा गया कोई भी हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 का उल्लंघन करता है। यह देखा गया है कि कई सड़क किनारे बेचे जाने वाले हेलमेट में अनिवार्य BIS प्रमाणन नहीं रहता, जिससे वाहन चालक का जीवन असुरक्षित हो जाता है।
उपभोक्ता BIS केयर ऐप के माध्यम से या बीआईएस वेबसाइट पर जाकर यह सत्यापित कर सकते हैं कि कोई हेलमेट निर्माता लाइसेंस प्राप्त है या नहीं।
“हेलमेट जीवन बचाता है, लेकिन केवल तभी जब वह अच्छी गुणवत्ता का हो। इस पहल का उद्देश्य बाजार से असुरक्षित हेलमेट को हटाना और उपभोक्ताओं को बीआइएस प्रमाणित उत्पादों के महत्त्व के बारे में शिक्षित करना है। हम सभी हितधारकों से हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का अनुरोध करते हैं।” - निधि खरे, सचिव, उपभोक्ता मंत्रालय