West Bengal Assembly special session: पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र में SIR, अपराजिता विधेयक और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर टीएमसी और भाजपा के बीच तीखी बहस के आसार हैं।
West Bengal Assembly Special Session: पश्चिम बंगाल विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र सोमवार, 1 सितंबर से शुरू होगा, जो 1, 2 और 4 सितंबर को आयोजित होगा। 3 सितंबर को करम पूजा के कारण अवकाश रहेगा। सत्र के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तीखी नोकझोंक की संभावना है।
टीएमसी ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार बिहार SIR के समान प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल में लागू करने की संभावना के खिलाफ भी प्रस्ताव पेश कर सकती है। इसके अलावा, 'अपराजिता विधेयक' पर चर्चा हो सकती है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा विधेयक को वापस भेजने की निंदा की जाएगी।
3 सितंबर 2024 को विधानसभा ने सर्वसम्मति से अपराजिता विधेयक पारित किया था, जिसमें यौन उत्पीड़न के मामलों में कठोर सजा, जिसमें पांच अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है। यह विधेयक कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद लाया गया था। हालांकि, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने 6 सितंबर 2024 को इसे राष्ट्रपति को भेजा, और बाद में मृत्युदंड के प्रावधानों पर चिंता जताते हुए इसे राज्य सरकार को वापस लौटा दिया।
भाजपा ने टीएमसी सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की तैयारी की है। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBCSSC) द्वारा हाल ही में जारी 'दागी और अयोग्य' उम्मीदवारों की सूची में टीएमसी नेताओं के रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने SSC भर्ती घोटाले के तहत अनुचित तरीके से शिक्षक की नौकरी हासिल की। भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा, हम विधानसभा में रणनीति बनाएंगे और टीएमसी को जवाब देना होगा कि उनके करीबियों के नाम इस सूची में क्यों हैं।