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क्या होता है Fake Encounter, अब तक कितने पुलिसकर्मियों को मिल चुकी है सजा?

Fake Encounter Cops Convicted: ज्यादातर मामलों में पुलिस अफसर सेल्फ डिफेंस में ही एनकाउंटर का फैसला करते हैं लेकिन अब कई फर्जी एनकाउंटर के मामले सामने आ रहे है। देखिए फर्जी एनकाउंटर करने पर पुलिसकर्मी को क्या सजा हो सकती है।

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Fake Encounter: हमारे देश में कई ऐसे केस होते है जिनका एनकाउंटर किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है फर्जी एनकाउंटर क्या होता है। देश में कई फर्जी एनकाउंटर के मामले सामने आ रहे है। कई फर्जी एनकाउंटर्स में पुलिस वालों को सजा तक सुनाई गई है। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के बदलापुर में यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे की पिछले साल 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। इसके बाद मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए थे। और अब इस केस में 20 जनवरी को मुंबई हाई कोर्ट की रिपोर्ट पेश की गई है। जिसमें से एनकाउंटर को फर्जी पाया गया है। अब इसका आंकड़ा सामने आ गया जिससे हमे देख सकते हैं की अब तक कितने पुलिस वालों को फर्जी एनकाउंटर के मामले में सजा मिल चुकी है।

क्या होता है फर्जी एनकाउंटर?

जब पुलिस पर यह आरोप लगाया जाता है कि पुलिस ने अपराधी को जीवित पकड़ कर बाद में किसी बनावटी परिस्थिति के बहाने गोली चला के अपराधी के साथ इनकाउंटर की कहानी गढ़ी है और वास्तव में पुलिस को कोई आत्मरक्षा का अधिकार अथवा इनकाउंटर का कोई अधिकार ही नहीं था तो यह आरोप फर्जी एनकाउंटर का आरोप कहलाता है।

फर्जी एनकाउंटर से जुड़ी कुछ खास बातें

फर्जी एनकाउंटर में पुलिस कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं करती।

फर्जी एनकाउंटर में पुलिस बदला लेने के लिए किसी व्यक्ति की हत्या करती है।

फर्जी एनकाउंटर में पुलिस घटना को एनकाउंटर का रूप देती है।

फर्जी एनकाउंटर के मामले अदालत या जांच कर रही एजेंसियों द्वारा जांचे जाते हैं।

एनकाउंटर में UP सबसे आगे

साल 2023 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक यूपी पुलिस ने 6 सालों के भीतर 10,000 से ज्यादा एनकाउंटर किए गए। जिनमें से कई फर्जी एनकाउंटर थे। केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 से लेकर साल 2022 तक देश में कुल 655 फर्जी एनकाउंटर हुए। इनमें से 117 फर्जी एनकाउंटर उत्तर प्रदेश में हुए, हालांकि इनमें कितने पुलिस कर्मियों को सजा दी गई। अब तक इस बात के सटीक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।

फ़र्ज़ी एनकाउंटर के उदाहरण

पीलीभीत में 10 सिख तीर्थयात्रियों की हत्या

देहरादून में एक MBA स्टूडेंट की हत्या

इन पुलिसकर्मियों को मिली सजा

साल 2006 में एटा में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने 9 पुलिस वालों को दोषी साबित किया था। जिसमें से पांच पुलिस वालों को उम्र कैद तो वहीं चार पुलिस वालों को 5-5 साल की सजा हुई थी। 1992 में पंजाब के तरनतारन में दो युवकों का अपहरण कर उनका फर्जी एनकाउंटर किया गया था। जिसमें अब सीबीआई की कोर्ट ने पंजाब पुलिस के पूर्व एसएचओ समेत 3 पुलिस कर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साल 2009 में देहरादून में नौकरी के सिलसिले में आए एक युवक का फर्जी एनकाउंटर किया गया था। इस केस में 17 पुलिस वालों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। साल 1998 में बिहार के पूर्णिया में फर्जी मुठभेड़ के आरोप में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कई पुलिसकर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

कब नहीं मिलती है सजा?

कई ऐसे फर्जी काउंटर भी होते हैं जिनमें पुलिस कर्मियों को सजा नहीं मिलती। दरअसल कोर्ट केवल सबूतों के आधार पर ही इन मामलों में सजा सुनाती है। और कई बार ऐसा होता है की सबूतना मिलने पर पुलिस कर्मियों को छोड़ दिया जाता है।

Published on:
22 Jan 2025 01:39 pm
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