भारतीय कंपनी जोहो आने वाले समय में माइक्रोसॉफ्ट को कड़ी टक्कर दे सकती है। IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं दस्तावेजों, स्प्रेडशीट और प्रजेंटेशन बनाने के लिए Zoho पर शिफ्ट हो रहा हूं। जानिए, जोहो को लेकर क्या कह रहे हैं नेटिजंस?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने भारतीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दस्तावेजों, स्प्रेडशीट और प्रजेंटेशन बनाने के लिए Zoho पर स्विच करने को लेकर पोस्ट किया है। अश्विनी वैष्णव ने लिखा कि मैं अब जोहो (Zoho) पर शिफ्ट हो रहा हूं। यह हमारा अपना स्वदेशी प्लेटफार्म है, जहां दस्तावेज, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन बनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को अपनाकर पीएम मोदी के आह्वान में शामिल हों।
जोहो कंपनी भारत के चेन्नई में स्थित है। इनके टूल्स की मदद से डॉक्युमेंट्स, स्प्रेडशीट्स और प्रेजेनटेशन बनाए जा सकते हैं। आसान भाषा में कहें तो यह एक तरह से माइक्रोसॉफ्ट का देसी वर्जन जैसा ही है। कंपनी क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर और बिजनेस टूल्स बनाती है, जो छोटे और बडे़ व्यवसायों का काम आसान करती है। Zoho CRM, Zoho Mail, Zoho Books, Zoho Projects जैसे टूल्स का कई जगहों पर इस्तेमाल देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही, कंपनी बेहद सस्ते दाम में अपना सर्विस प्रोवाइड कराती है।
जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्री श्रीधर वेम्बू का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा, 'शुक्रिया सर, यह हमारे उन इंजीनियरों का मनोबल बढ़ाने वाला है। जिन्होंने हमारे उत्पाद सूट को बनाने के लिए दो दशकों से भी ज़्यादा समय तक कड़ी मेहनत की है'। हम आपको और अपने देश को गौरवान्वित करेंगे। जय हिंद!
एक्स यूजर परिक्षित साह ने जोहो को लेकर X पर लिखा कि मैं पिछले एक साल से ज़्यादा समय से ज़ोहो बुक्स और पेरोल का इस्तेमाल कर रहा हूं। मैंने इसकी सदस्यता इसलिए नहीं ली, क्योंकि यह एक भारतीय कंपनी है, मुझे इसकी परवाह नहीं है। मैंने इसकी सदस्यता इसलिए ली क्योंकि यह अपने काम में बहुत अच्छी है।
कार्तिकेय ने श्रीधर वेम्बू के जोहो पर लिखा कि यह प्लेटफॉर्म न केवल उद्यमों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी पसंदीदा सेवा के रूप में स्थापित हो सकता है।