PM Modi SCO summit 2025: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीन के तियानजिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक की जानकारी दी।
PM Modi And Xi Jinping: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को तियानजिन, चीन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक की जानकारी दी। पीएम मोदी शनिवार शाम को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तियानजिन पहुंचे, जहां मेजबान सरकार और स्थानीय भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
विदेश सचिव ने बताया कि रविवार सुबह पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस दौरान राष्ट्रपति शी ने भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने के लिए चार सुझाव दिए, जिनमें रणनीतिक संचार को बढ़ाना, आपसी विश्वास को गहरा करना, सहयोग का विस्तार करना, और बहुपक्षीय मंचों पर साझा हितों की रक्षा शामिल है। पीएम मोदी ने इन सुझावों का सकारात्मक जवाब दिया और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। मिस्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने हाल ही में नई दिल्ली में हुई विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता के परिणामों की सराहना की, जो सीमा विवाद के समाधान के लिए महत्वपूर्ण रही।
बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने एससीओ की चीन की अध्यक्षता और तियानजिन में आयोजित शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी को 2026 में भारत में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने रविवार शाम म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम ने भारत की पड़ोसी प्रथम और एक्ट ईस्ट नीतियों के तहत म्यांमार के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। म्यांमार के साथ भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों को रेखांकित करते हुए सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा हुई।
शाम को पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी द्वारा आयोजित 25वें एससीओ शिखर सम्मेलन के स्वागत समारोह में हिस्सा लिया। सोमवार को वे शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे, जहां वे क्षेत्रीय सहयोग और भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे। मिस्री ने बताया कि भारत एससीओ के तहत क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।