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34 साल की नौकरी में 57 बार ट्रांसफर, कौन है IAS अशोक खेमका, जो आज हुए रिटायर

IAS Officer Ashok Khemka Retirement: आईएएस अधिकारी अशोक खेमका अपने करियर के दौरान 57 बार ट्रांसफर का सामना करने वाले खेमका अपने ईमानदार रवैये की वजह से जाने जाते हैं। उन्हें आखिरी बार दिसंबर 2024 में वर्तमान पद पर स्थानांतरित किया गया था।

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Apr 30, 2025

हरियाणा कैडर के 1991 बैच के वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका, जिन्हें उनकी बेबाकी और ईमानदारी के लिए जाना जाता है, आज 34 साल की सेवा के बाद रिटायर हो गए। अपने करियर में 57 बार तबादले झेलने वाले खेमका ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और सिस्टम में सुधार की कोशिशों से देशभर में अपनी पहचान बनाई। उनकी रिटायरमेंट की खबर ने एक बार फिर उनके संघर्ष और साहस को सुर्खियों में ला दिया।

कौन हैं अशोक खेमका?

30 अप्रैल 1965 को कोलकाता में जन्मे अशोक खेमका ने IIT खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी हासिल की। इसके अलावा उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में MBA और पंजाब यूनिवर्सिटी से LLB की डिग्री भी प्राप्त की। 1991 में IAS बनने के बाद उन्होंने हरियाणा में अपनी सेवाएं शुरू कीं।

ईमानदारी की कीमत 57 तबादले

अशोक खेमका का करियर तबादलों की कहानी से भरा रहा। 34 साल की सेवा में औसतन हर 6 महीने में उनका तबादला हुआ। कई बार उन्हें अभिलेखागार, मुद्रण और स्टेशनरी जैसे कम महत्वपूर्ण माने जाने वाले विभागों में भेजा गया। खासकर पिछले 12 सालों में उन्हें ज्यादातर लो-प्रोफाइल विभाग ही सौंपे गए। हरियाणा के एक अन्य रिटायर्ड IAS प्रदीप कासनी के नाम 35 साल में 71 तबादलों का रिकॉर्ड है, लेकिन खेमका का नाम ईमानदारी के साथ बार-बार तबादलों के लिए चर्चा में रहा।

वाड्रा-DLF मामला और सुर्खियां

खेमका 2012 में उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में आए, जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और DLF के बीच गुरुग्राम में 3.5 एकड़ जमीन के सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर दिया। इस कदम ने भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं से प्रशंसा बटोरी, लेकिन राजनीतिक दबाव और लगातार तबादले उनकी राह में आए। इस मामले की जांच आज भी अधूरी है और किसी को दोषी नहीं ठहराया गया। 2014 में परिवहन आयुक्त के रूप में उन्होंने बड़े वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया, जिसके चलते ट्रक चालकों की हड़ताल हुई। इसके बाद भी उनका तबादला हो गया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग

2023 में खेमका ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर सतर्कता विभाग में तैनाती की मांग की। उन्होंने लिखा, "अगर मौका मिला, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ असली युद्ध होगा और कोई भी बड़ा या शक्तिशाली व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा।" हालांकि, उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई। खेमका ने सोशल मीडिया पर भी अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों को पुरस्कृत करने और ईमानदार अधिकारियों को हाशिए पर डालने की व्यवस्था की आलोचना की। एक बार तो उनकी सरकारी गाड़ी तक छीन ली गई, लेकिन वे पैदल ऑफिस जाते रहे।

आखिरी तबादला और रिटायरमेंट

दिसंबर 2024 में, रिटायरमेंट से पांच महीने पहले खेमका को प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग से परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) बनाया गया। यह उनका 57वां तबादला था। आज वे इसी पद से रिटायर हुए। हरियाणा IAS ऑफिसर्स एसोसिएशन ने चंडीगढ़ में उनके लिए विदाई समारोह का आयोजन किया।

सोशल मीडिया पर भावुक प्रतिक्रियाएं

X पर यूजर्स ने खेमका को ईमानदारी का प्रतीक बताते हुए उनके योगदान को सराहा। एक यूजर ने लिखा, "33 साल की ईमानदारी का इनाम 57 तबादले। खेमका ने दिखाया कि सिस्टम से लड़ना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं।" एक अन्य ने कहा, "उन्होंने कभी सत्ता के दबाव में अपनी आत्मा का सौदा नहीं किया।"

Updated on:
30 Apr 2025 04:23 pm
Published on:
30 Apr 2025 04:22 pm
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