कांग्रेस सांसद ने चुनाव आयोग के प्रमुख और अन्य चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाले पैनल पर सवाल उठाए, साथ ही चुनाव के दौरान रिकॉर्ड किए गए सीसीटीवी फुटेज की पहुंच संबंधी निर्देशों पर भी सवाल उठाए।
Debate on Electoral Reforms: मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर बहस में बोलते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे और चार मांगें भी रखीं। कांग्रेस सांसद ने वोट चोरी को सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी कृत्य भी बताया। सदन को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष में बैठे लोग इस कृत्य को अंजाम दे रहे हैं।
सदन में कांग्रेस सांसद ने चुनाव आयोग के प्रमुख और अन्य चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाले पैनल पर सवाल उठाए, साथ ही चुनाव के दौरान रिकॉर्ड किए गए सीसीटीवी फुटेज की पहुंच संबंधी निर्देशों पर भी सवाल उठाए।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति से CJI को क्यों हटाया गया? उन्होंने आगे कहा कि CJI को हटाने के पीछे क्या मंशा हो सकती है? प्रधानमंत्री और अमित शाह चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर इतने उत्सुक क्यों हैं?
कांग्रेस सांसद ने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर वह चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाली समिति का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि वहां उनकी कोई आवाज नहीं है, क्योंकि उनके पास संख्या कम है।
राहुल गांधी ने दूसरा सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार ने दिसंबर 2023 में कानून बदला, जिसके तहत चुनाव आयुक्तों को इम्युनिटी दी गई।
कांग्रेस सांसद ने तीसरा सवाल पूछते हुए कहा, "सीसीटीवी और उसमें मौजूद डेटा से संबंधित कानून क्यों बदला गया? ऐसा कानून क्यों बनाया गया जो चुनाव आयोग को चुनाव के 45 दिन बाद सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने की अनुमति देता है? इसकी क्या जरूरत थी?"
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार से तीन सवाल पूछने के बाद चार मांगें रखीं। उन्होंने कहा:
1. चुनाव से एक महीने पहले सभी दलों को मशीन-पठनीय मतदाता सूची दें।
2. सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने की अनुमति देने वाले कानून को वापस लो।
3. हमें यह भी बताइए कि ईवीएम की संरचना क्या है। हमें ईवीएम तक पहुंच प्रदान कीजिए। हमारे विशेषज्ञों को ईवीएम के अंदर क्या है, यह देखने दीजिए। आज तक हमें ईवीएम तक पहुंच नहीं मिली है।
4. अंत में, कृपया उस कानून को बदलें जो चुनाव आयुक्त को जो चाहे करने की छूट देता है।