जिम्मेदारों द्वारा हर बार दिया जाता है आश्वासन, सडक़ पर उतर आंदोलन करने का अंतिम विकल्प बचा है क्षेत्रवासियों के लिए
नीमच. जिला मुख्यालय पर ही करीब 2 हजार की आबादी वाले गणपति नगर के रहवासियों को वर्षों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। मानसून आगमन के बाद कॉलोनी तालाब में तब्दील हो जाती है। बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है। क्षेत्रवासियों ने विधायक, कलेक्टर सहित समस्या के वास्तविक जिम्मेदारों नपाध्यक्ष और मुख्य नगरपालिका अधिकारी से कई बार गुहार लगाई। हर बार क्षेत्रवासियों को आश्वासन दिया जाता है।
खेल मैदान तालाब बने
जिला मुख्यालय का वार्ड क्रमांक 8 जहां राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक सब स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित कर चुके प्रभावशाली लोग निवास करते हैं। यहां के रहवासी हर स्तर पर दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, लेकिन खुद की समस्या को सुलझा पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या है बारिश के पानी की निकासी नहीं होने की। एक बार तेज बारिश होने पर ही खेल मैदान तालाब में तब्दील हो जाते हैं। सडक़ें कीचड़ से पट जाती हैं। लोगों का आवागमन बाधित हो जाता है। बच्चे एक दायरे में सिमट कर रह जाते हैं। बच्चों के लिए खेलने के लिए उचित स्थान नहीं बचता। एक बार बारिश होने के बाद पानी सूखने में ही 2 से 3 दिन लग जाते हैं। इतना ही नहीं गणपति नगर, क्लासिक क्राउन कॉलोनी, शगुन रेसीडेंसी व त्रिमूर्ति नगर जाने वाले क्षेत्र को भी जोड़ता है। इस कारण अन्य कॉलोनियों के सैकड़ों रहवासी पूरी बारिश परेशान-हेरान रहते हैं।
अब आंदोलन ही एकमात्र विकल्प
्क्षेत्रवासियों का कहना है कि समस्या से नपाध्यक्ष, सीएमओ, प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी, विधायक यहां तक कि कलेक्टर को भी अवगत करा चुके हैं। इस समस्या के लिए सबके अधिक जिम्मेदार नगरपालिका अधिकारी ओपी परमार हैं। उनकी निष्क्रियता के कारण ऐसे बदतर हालात बने हैं। 3 माह पूर्व इस क्षेत्र में सीसी रोड बनाया गया था। सीसी रोड निर्माण के पूर्व नाली का निर्माण करना था जो स्वीकृत भी है। नाली निर्माण नहीं करते हुए ओपी परमार के निर्देशन में सीसी रोड बना दिया गया। इससे क्षेत्र में अब पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। खुले मैदान तालाब बन गए हैं।
दर्शन करने तक लोग नहीं पहुंच पा रहे
इस क्षेत्र में मंदिर भी है, जहां पानी भरा होने से दर्शन करने तक लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं। प्रतिदिन सुबह प्रभात फेरी भी निकलती है उसका भी रास्ता बदलना पड़ा है। स्थाई रूप से पानी निकासी नहीं होने की यह समस्या पिछले 15 वर्षों से बनी हुई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जल्द इस समस्या का स्थाई हल नहीं निकला तो कॉलोनीवासियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। क्षेत्रवासियों ने बताया कि मंगलवार को कलेक्टर दिनेश जैन से भी मिले। उन्होंने नपा अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देखते हैं कलेक्टर के निर्देश के बाद कहीं सुनवाई होती है या नहीं।