
police save 60 lakh digital arrest cyber fraud
mp news: मध्यप्रदेश के नीमच में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए न केवल बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया बल्कि 60 लाख रुपये का नुकसान होने से भी बचा लिया। शातिर ठग दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनकर उन्हें झूठे मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर करीब 15 दिनों से परेशान कर रहे थे और दंपत्ति भी डर के कारण अपनी जमा पूंजी की 60 लाख रुपये की एफडी तुड़वाकर शातिर ठग के खाते में ट्रांसफर करने ही वाले थे।
साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार, विकास नगर निवासी एक बुजुर्ग दंपत्ति को पिछले करीब 15 दिनों से साइबर ठग परेशान कर रहे थे। ठग खुद को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बताकर वीडियो कॉल के माध्यम से दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट में होने का डर दिखा रहे थे। मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उन्हें मानसिक रूप से भयभीत कर दिया गया था। डर के चलते दंपत्ति ने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी के रूप में रखी करीब 60 लाख रुपये की एफडी तुड़वा ली थी और ठगों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर करने ही वाले थे। इसी दौरान इंदौर क्राइम ब्रांच से मिली गुप्त सूचना के आधार पर नीमच साइबर सेल प्रभारी प्रदीप शिंदे अपनी टीम के साथ महज 7 मिनट में दंपत्ति के घर पहुंच गए।
शातिर ठग की बातों में आकर बुजुर्ग दंपत्ति इस कदर डरे हुए थे कि जब असली पुलिस उनके घर पहुंची तब भी वो कुछ बताने को तैयार नहीं थे। इस पर सायबर सेल टीम ने लगभग दो घंटे तक काउंसलिंग कर उन्हें भरोसे में लिया और समझाया कि कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया नहीं है। एसपी अंकित जायसवाल ने दंपत्ति से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया, उन्होंने जिले के नागरिकों से अपील की है कि सीबीआई, ईडी या पुलिस कभी भी वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ या गिरफ्तारी नहीं करती। किसी भी अनजान कॉल, धमकी या डराने वाले संदेश से घबराकर अपनी बैंकिंग जानकारी, ओटीपी या निजी विवरण साझा न करें।
Updated on:
24 Dec 2025 08:41 pm
Published on:
24 Dec 2025 07:54 pm
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