बजट कटौती का दबाव : अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसंधान और अभियानों पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर
वाशिंगटन. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नासा के बजट में कटौती के प्रस्ताव के कारण नासा के 2,145 वरिष्ठ कर्मचारी नौकरी छोडऩे की तैयारी कर रहे हैं। पॉलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रतिभा पलायन नासा के अनुसंधान और मिशन पर असर डाल सकता है। यह संकट ऐसे समय उभरा है, जब नासा 2026 तक चांद पर इंसानों को भेजने की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि इन 2,145 कर्मचारियों में ज्यादातर वैज्ञानिक और मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन से जुड़े विशेषज्ञ हैं। सबसे ज्यादा 1,818 लोग सीधे मिशन से संबंधित हैं। बाकी आइटी, फाइनेंस और अन्य सहायक विभागों में काम कर रहे थे। कैनेडी स्पेस सेंटर के 311 और जॉनसन स्पेस सेंटर के 366 कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं। दोनों केंद्र नासा के लिए बेहद अहम हैं, जहां से रॉकेट लॉन्च और मानव उड़ानें संचालित होती हैं। ट्रंप प्रशासन नासा के 2025 के बजट में करीब 500 अरब रुपए की कटौती चाहता है। इससे कई मिशन रद्द हो सकते हैं। हालांकि प्रशासन के प्रस्ताव को फिलहाल कांग्रेस की मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन नासा में स्वैच्छिक इस्तीफों की शुरुआत हो चुकी है।
निजी क्षेत्रों में सक्रिय होने की संभावना
नासा में कई भारतीय भी काम कर रहे हैं। यह पता नहीं चला है कि नौकरी छोडऩे की तैयारी कर रहे कर्मचारियों में कितने भारतीय हैं। अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई निजी कंपनियों के उभरने से इन कर्मचारियों को नई नौकरियां आसानी से मिलने की संभावना जताई जा रही है। भारत में भी कई निजी कंपनियां अंतरिक्ष के क्षेत्र में सक्रिय हैं। सरकार ने 2020 में भारतीय अंतरिक्ष संघ की स्थापना की थी। इसका मकसद निजी कंपनियों को अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना है।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लो या इस्तीफा दो...
ट्रंप के बजट कटौती प्रस्ताव के तहत नासा ने कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और इस्तीफे का विकल्प दिया है। सभी कर्मचारियों को 25 जुलाई तक फैसला करने को कहा गया है। फैसला करने वाले कर्मचारी 9 जनवरी, 2026 तक नासा से अलग हो जाएंगे। नासा का कहना है कि यह कदम लागत घटाने और कामकाज को सरल बनाने के लिए उठाया गया है।
अब कहीं से भी काम करने की छूट नहीं
नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) के स्टाफ को दफ्तर लौटने या नौकरी छोडऩे को कहा गया है। जेपीएल के करीब 5,500 कर्मचारियों को अब तक कहीं से भी काम करने की छूट थी। नासा अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी समेकित कर रही है। पर्सिवरेंस रोवर, अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) जैसे मिशनों के लिए अलग-अलग अकाउंट एक जगह लाए जा रहे हैं। नासा की प्रेस सचिव ने बताया कि इससे एजेंसी अपनी जानकारी ज्यादा सुसंगत और व्यापक रूप से साझा कर पाएगी। लागत घटेगी और तकनीकी निगरानी आसान हो सकेगी।