Delhi: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी की ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और गड़बड़ा गया। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हवा में सांस लेना एक दिन में करीब 11 सिगरेट पीने जितना हानिकारक है।
Delhi: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है। सुबह-सुबह खिड़की खोलते ही कोयले की भट्टी जैसी तेज गंध महसूस हो रही है। शहर के ऊपर धुंध की मोटी परत छाई है और सूरज भी पूरे दिन धुंध के पीछे छिपा-छिपा नजर आ रहा है। प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हवा में सांस लेना एक दिन में करीब 11 सिगरेट पीने जितना हानिकारक है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आज सुबह कई इलाकों में 450 से ऊपर दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। aqi.in के मुताबिक सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 455 रहा। हालांकि CPCB के 'समीर' ऐप पर दोपहर 1 बजे दिल्ली का औसत AQI 367 दर्ज किया गया, लेकिन कई क्षेत्रों में यह अब भी 400 के पार है। फिलहाल दिल्ली में केवल ग्रैप-3 (GRAP-III) के तहत लागू पाबंदियां ही चल रही हैं।
दिल्ली ही नहीं, इसके पड़ोसी शहरों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। शुक्रवार को गाजियाबाद शहर का दोपहर 1 बजे AQI 428 दर्ज किया गया, जबकि नोएडा में यह आंकड़ा 395 रहा। ग्रेटर नोएडा में 356 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही गुरुवार को ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा था। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों में प्रदूषण और बढ़ सकता है। इसके साथ ही 22 नवंबर से कई इलाकों में AQI के गंभीर श्रेणी में पहुंचने की भी पूरी संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि 23 नवंबर को हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर में जा सकती है और इसके बाद लगातार छह दिनों तक राहत की उम्मीद नहीं है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार हवा की रफ्तार बेहद कम होने के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में फंसे रह जाएंगे। इसके चलते प्रदूषण और बढ़ने की संभावना है।
बात अगर देशभर के मौसम पूर्वानुमान की करें तो अगले पांच दिनों के दौरान बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में जहां ठंड और शीतलहर का प्रभाव तेज होने वाला है, वहीं दक्षिण और तटीय इलाकों में बारिश का दौर बना रहेगा। यानी अगले पांच दिनों में दिल्ली-एनसीआर से लेकर पंजाब-हरियाणा तक तापमान में गिरावट जारी रहने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अगले पांच दिनों तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में दिन का तापमान कम रहेगा। जबकि रातें और ज्यादा ठंडी होंगी। सुबह के समय धुंध और कोहरा बढ़ने की संभावना है। हवा में नमी और ठंडक दोनों बढ़ सकती हैं। बारिश के आसार नहीं, हवाओं की रफ्तार भी बेहद कम रहेगी।
बात अगर मध्य प्रदेश की करें तो राज्य के कई जिलों में तापमान तेजी से नीचे जा रहा है। पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में शीतलहर के हालात बन सकते हैं। दिन का तापमान सामान्य रहेगा, लेकिन रातें ठंडी होंगी। बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है। उत्तर प्रदेश में भी अगले सप्ताह ठंड का असर और तीखा होगा। सुबह-सुबह कोहरे की परत कई जिलों में दिख सकती है। रात का तापमान लगातार नीचे जा रहा है, जिससे शीतलहर जैसी स्थिति बन सकती है। पूरे सप्ताह मौसम सूखा रहने के आसार हैं। बात अगर राजस्थान की करें तो शेखावाटी और उत्तर-पूर्वी इलाकों में रात का तापमान तेजी से गिर सकता है। ठंडी हवाओं के चलते शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है। दिन में हल्की धूप रहेगी, लेकिन तापमान सामान्य से नीचे ही रहेगा।
महाराष्ट्र राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा। मुंबई और तटीय इलाकों में दिन के तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि रातें थोड़ा ठंडी बनी रहेंगी। बारिश के आसार कम हैं। विदर्भ और मराठवाड़ा में हल्की ठंड बढ़ सकती है। इसके अलावा हरियाणा के कई हिस्सों में सुबह और रात के तापमान में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। कोहरा और धुंध कुछ जिलों में यातायात को प्रभावित कर सकते हैं। मौसम विभाग ने कई स्थानों पर शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। पंजाब के अमृतसर, लुधियाना और आसपास के क्षेत्रों में रात का तापमान तेजी से नीचे जा सकता है। कोहरा घना हो सकता है, जिससे दृश्यता प्रभावित होने की आशंका है।
मौसम विभाग के लेटेस्ट पूर्वानुमान के अनुसार, दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु और केरल के तटीय इलाकों में अगले पांच दिनों तक बारिश का दौर जारी रह सकता है। समुद्री हवाओं के सक्रिय होने से हल्की-मध्यम बारिश के संकेत हैं। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना है। इसके अलावा पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी तापमान और नीचे जाने के साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। कुल मिलाकर, देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में ठंड और शीतलहर का प्रभाव बढ़ेगा, जबकि दक्षिण में बारिश राहत और चुनौती दोनों लेकर आएगी।