-पांच साल में दो गुनी हो गई घटनाएं -1158208 घटनाएं थी 2020 में -2041360 घटनाएं हुई 2024 में
शादाब अहमद
नई दिल्ली। भारत डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है, लेकिन इसके साथ साइबर खतरे भी कई गुना तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि पिछले पांच साल के दौरान साइबर हमलों की संख्या 11.58 लाख से बढक़र 2024 में 20.41 लाख को पार कर गई है। यानी देश हर दिन करीब 5592 साइबर हमले झेल रहा है। वहीं भारत सरकार ने इन हमलों से निपटने के लिए कई अहम संस्थाओं का गठन किया है। जबकि साइबर सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत बनाने के लिए बजट को पांच साल में चार गुना तक बढ़ाया है।
दरअसल, केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौधोगिकी मंत्रालय ने साइबर सुरक्षा घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) को राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में नामित किया हुआ है। सर्ट-इनट के आंकड़े बताते हैं कि देश में साइबर हमलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सर्ट इन हमलों के खतरों को कम करने के लिए विभिन्न क्ष$ेत्रों के संगठनों के साथ अनुकूलित अलर्ट साझा करने के लिए स्वचालित साइबर खतरा आसूचना विनिमय मंच संचालित करता है।
सर्ट इन ने विभिन्न लॉग्स के विशलेषण किए। इससे पता चला है कि बड़ी संख्या में हमले विदेश से संचालित कंप्यूटरों से होते हैं। हमलावर अक्सर अपनी लोकेशन और पहचान छिपाने के लिए तकनीकी तरीके अपनाते हैं, जिससे जांच एजेंसियों के लिए असली स्रोत पकडऩा कठिन हो जाता है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि साइबर अपराध के मामलों में सजा दिलाना अभी भी बड़ी चुनौती है। 2018 से 2022 के बीच करीब 2.40 लाख साइबर अपराध मामले दर्ज हुए, लेकिन इनमें से केवल 3,581 मामलों में ही दोषसिद्धि हो पाई।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय: इसके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा साइबर समन्वयक नियुक्ति की जाएगी।
राष्ट्रीय साइबर समन्वय केन्द्र : साइबर सुरक्षा खतरों का पता चलाने के लिए साइबरस्पैस की जांच करता है
साइबर स्वच्छता केंद्र: नागरिकों और संस्थानों को मुफ्त टूल और सलाह देता है।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र: यह गृह मंत्रालय के अधीन विशेष केंद्र है, जो साइबर अपराधों से प्रभावी तरीके से निपटता है।
| वित्तीय वर्ष | बजट (करोड़ रुपए में) |
| 2020-21 | 293 |
| 2021-22 | 411 |
| 2022-23 | 462 |
| 2023-24 | 580 |
| 2024-25 | 1004 |
| वर्ष | घटनाओं की संख्या (लाखों में) |
| 2020 | 11.58 |
| 2021 | 14.02 |
| 2022 | 13.91 |
| 2023 | 15.92 |
| 2024 | 20.41 |