नई दिल्ली

Operation Sindoor: भारत-पाक तनाव के बीच 800 परिवारों का बड़ा फैसला, सोसायटी में डिलीवरी बॉयज की एंट्री बैन

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव को देखते हुए गुरुग्राम की महेंद्रा ओरा सोसायटी ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सोसायटी में डिलीवरी बॉयज की एंट्री बैन कर दी गई है।

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Operation Sindoor: भारत-पाक तनाव के बीच 800 परिवारों का बड़ा फैसला, सोसायटी में बॉयज एंट्री बैन

Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान तनाव और देश में मौजूदा हालातों को देखते हुए गुरुग्राम के सेक्टर-110ए स्थित महेंद्रा ओरा सोसायटी में बड़ा फैसला लिया है। द्वारका एक्सप्रेसवे के पास स्थित इस हाई-राइज सोसायटी में लगभग 800 परिवार निवास करते हैं। शुक्रवार सुबह सोसाइटी के संपदा अधिकारी कार्यालय की ओर से सभी निवासियों को एक ईमेल भेजा गया। जिसमें उन्हें नई सुरक्षा गाइडलाइंस से अवगत कराया गया। इसमें सभी सोसायटी निवासियों ने अपनी सहमति जताई है।

सोसायटी के संपदा अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी ईमेल में बताया गया है “भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालातों को देखते हुए सोसायटी के सभी निवासियों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। इसके तहत सोसायटी में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को सीमित करने के साथ ही डिलीवरी बॉयज की एंट्री पर तत्काल बैन लगाया जा रहा है। इस निर्णय के तहत अब किसी भी डिलीवरी बॉय को सोसायटी परिसर के अंदर फ्लैट तक जाने की अनुमति नहीं होगी। चाहे वह खाने-पीने का सामान हो, कोरियर हो या अन्य कोई आइटम। डिलीवरी बॉय को टावर के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया जाएगा।”

लिफ्ट की निगरानी न होना बना चिंता का विषय

इस फैसले के पीछे एक बड़ा कारण यह भी बताया गया कि डिलीवरी एजेंट्स के लिए लिफ्ट में चढ़ने के बाद यह पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है कि वे किस मंज़िल और किस फ्लैट तक पहुंचे। इससे सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है। किसी संदिग्ध गतिविधि को ट्रैक कर पाना मुश्किल हो सकता है। जिससे सोसायटी के नागरिकों को खतरा हो सकता है। इसी वजह से अब डिलीवरी करने आए व्यक्ति को लिफ्ट लॉबी तक ही सीमित रखा जाएगा। जहां से सोसायटी के निवासी स्वयं आकर अपना सामान प्राप्त करेंगे।

निवासियों से आग्रह किया गया है कि वे डिलीवरी सेवाओं पर अपनी निर्भरता कम करें और केवल आवश्यकता पड़ने पर ही वस्तुएं मंगवाएं। सोसायटी प्रबंधन ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि अज्ञात डिलीवरी बॉयज का घरों तक आना-भीतर जाना एक बड़ा सुरक्षा जोखिम हो सकता है। इन हालातों में कोई भी ढिलाई खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए सभी निवासियों से अपील की गई है कि वे इस निर्णय में पूर्ण सहयोग करें। एक-दूसरे को भी जागरूक करें और होम डिलीवरी पर अपनी निर्भरता को सीमित करें। संपदा अधिकारी कार्यालय के इस फैसले पर सोसायटी के लोगों ने सहमति जताई है।

आरडी सिटी में भी अपनाई गईं अतिरिक्त सावधानियां

इसी तरह गुरुग्राम की एक और रेजिडेंशियल कॉलोनी आरडी सिटी में भी शुक्रवार दोपहर एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई सुरक्षा उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया गया। कॉलोनी प्रबंधन और निवासियों के बीच हुई चर्चा के बाद यह तय किया गया कि अब शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक सभी बालकनियों और सीढ़ियों की लाइट बंद रहेंगी।

इसके साथ ही घरों के अंदर की लाइटें और परदे ठीक से ढंके रहेंगे, ताकि घर की रोशनी बाहर न जा सके। स्ट्रीट लाइट्स को भी रात में बंद रखने का सुझाव दिया गया है, ताकि सुरक्षा की दृष्टि से किसी को लोकेशन का अनुमान न लग सके। आरडब्ल्यूए की टीम यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी घर अपनी खिड़की या बालकनी से अनावश्यक रोशनी बाहर न फैला रहा हो। यदि ऐसा होता है, तो सुरक्षा गार्ड उस घर जाकर अनुरोध करेंगे कि लाइट बंद कर दी जाए।

रात में वाहनों का आवागमन भी सीमित

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि रात के समय वाहनों के आवागमन को भी कम किया जाएगा। साथ ही, डिलीवरी बॉयज को भी रात में प्रवेश देने से बचा जाएगा। ताकि किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को समाप्त किया जा सके। गुरुग्राम की दोनों प्रमुख सोसाइटियों ने मौजूदा राष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने स्तर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यह कदम जहां एक ओर निवासियों को असुविधा का सामना करवा सकता है, वहीं दूसरी ओर उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक आवश्यक प्रयास है।

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