Red Fort Blast: दिल्ली में 10 नवंबर को हुई आतंकी घटना के बाद जहां सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं, वहीं दिल्ली सरकार ने भी लाल किले की सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन शुरू कर दिया है।
Red Fort Blast: राष्ट्रीय राजधानी में बीते 10 नवंबर को हुए फिदायीन हमले के बाद लाल किले की सुरक्षा बड़े पैमाने पर बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत अब लाल किले के आसपास 200 सीसीटीवी कैमरे और पार्किंग में वाहन स्कैनर लगाने की तैयारी है। इसके अलावा लाल किले के नीचे और आसपास के क्षेत्रों में सीवर लाइनों को पूरी तरह साफ करने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि लाल किले के पास कार धमाके में करीब 15 लोगों की मौत हो गई थी और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल माने जाने वाले इस ऐतिहासिक स्मारक की सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल उठे थे।
अभी लाल किले और उसके आसपास लगभग 600 CCTV कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन जांच में सामने आया कि पार्किंग क्षेत्र के अंदर पर्याप्त कैमरे नहीं थे। इसी कारण विस्फोट से पहले तीन घंटे तक खड़ी रही संदिग्ध i20 कार पर किसी का ध्यान नहीं गया। कई चरणों में हुई हाईलेवल बैठकों के बाद अब लाल किले के आसपास सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 200 नए CCTV कैमरे लगाने समेत पार्किंग क्षेत्र में अंडर व्हीकल स्कैनिंग सिस्टम एक्टिव करने का फैसला लिया गया है, जो हर वाहनों को नीचे से स्कैन करेगा। ताकि किसी भी विस्फोटक या खतरनाक सामग्री का पहले ही पता लगाया जा सके।
अधिकारियों के अनुसार, कई उच्च-स्तरीय बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया है। अब जल्द ही तकनीकी उन्नयन के लिए दिल्ली पुलिस जल्द ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को औपचारिक प्रस्ताव भेजेगी। इसके अलावा दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) और एमसीडी को लाल किले के नीचे और आसपास की सीवर लाइनों को पूरी तरह साफ करने का निर्देश दिया गया है। यह इसलिए जरूरी है, ताकि इन भूमिगत जगहों का इस्तेमाल कोई भी संदिग्ध व्यक्ति छिपने या असामान्य गतिविधियों के लिए न कर सके।
पुलिस ने लाल किले के पास के बाजारों के व्यापारियों और एसोसिएशनों के साथ बैठकें की हैं। कई दुकान मालिकों ने अपनी सुरक्षा चिंताएं पुलिस के सामने रखी हैं। इसके बाद क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की जाएगी। दूसरी ओर, अभी तक हुई जांच के अनुसार, दिल्ली में हुए फिदायीन हमले में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने का अंदेशा है। विस्फोट से पहले करीब तीन घंटे से ज्यादा समय तक कार लाल किले के पास स्थित एक पार्किंग में खड़ी रही। पार्किंग के अंदर कैमरों की कमी के कारण कोई अलर्ट नहीं मिला। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा में हुई इन कमियों को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।