-पिछले दो माह में जॉइन आरएसएस के जरिए जुड़ने वालों की संख्या बढ़ी -अक्टूबर में 48 हजार से ज्यादा ने जताई इच्छा
अभिषेक सिंघल
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष में उससे जुड़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अक्टूबर माह में आरएसएस से ऑनलाइन विकल्प के जरिए जुड़ने की इच्छा जताने वालों की संख्या में रिकॉर्ड उछाल आया और देश भर में 48 हजार से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन फार्म सब्मिट किया है। पिछले दो महीनों में 84,800 लोग इसके जरिए संघ से जुड़े। गौरतलब है कि आरएसएस 2 अक्टूबर से वर्ष भर चलने वाले वाला शताब्दी समारोह मना रहा है। जिसके तहत देश भर में विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं। अभी देश में गृह संपर्क अभियान जारी है।
आरएसएस ने सवा दशक पहले 2012 में सबसे पहले ऑनलाइन विकल्प के रूप में वेबसाइट पर जॉइन आरएसएस का लिंक दिया था। जिसके बाद से अब तक 14 लाख से ज्यादा लोग इस माध्यम से संघ से जुड़ चुके हैं। अक्टूबर 2025 में 48,980 फार्म मिले जो अब तक का सबसे बड़ा मासिक रिकॉर्ड है। यह आंकड़ा इसी वर्ष सितम्बर के 36242 और मार्च 2017 में मिले 27,871 फॉर्म के पिछले रिकॉर्ड को भी काफी पीछे छोड़ता है। वर्ष 2023 में 95911 और 2024 में 1 लाख 14 हजार लोगों ने संघ से जुड़ाव की इच्छा जताई थी।
आरएसएस में कोई औपचारिक सदस्यता नहीं होती है। शाखा या अन्य माध्यम से इस तक नहीं पहुंच सकने वालों और इससे जुड़ने के इच्छुक लोगों के लिए इसकी वेबसाइट पर जॉइन आरएसएस विकल्प दिया गया है। जहां व्यक्ति अपनी जानकारी दर्ज कर फॉर्म सब्मिट करता है। जिसके बाद उसके निवास के आस पास के संघ कार्यकर्ता उससे सम्पर्क कर उसे संघ के बारे में और जानकारी व निकटतम शाखा के बारे में बताते हैं। उनकी रूचि के अनुसार उन्हें विभिन्न गतिविधियों में जोड़ा जाता है।
वर्ष -- फार्म भरने वालों की संख्या
2012 -- 1,250
2013 -- 2,600
2014 -- 5,250
2017 से 2024 तक -- औसत लगभग 1 लाख हर साल
जनवरी–अक्टूबर 2025 -- 1,54,700
संघ शताब्दी वर्ष में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इसके माध्यम से समाज में एक सकारात्मक वातावरण बना है। जॉइन आरएसएस के जरिए लोग संघ से जुड़ने की अभिव्यक्ति दे रहे हैं। यह डिजिटल कनेक्ट से सामाजिक विस्तार का एक प्रकार है।
- नरेन्द्र ठाकुर, अ. भा. सह प्रचार प्रमुख, आरएसएस