Weather: बंगाल की खाड़ी में एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना है, जो अगले 48 घंटों में एक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। इसके प्रभाव से उत्तर भारत तथा हिमालयी क्षेत्र में भी दो मौसम प्रणालियों के एक-दूसरे के साथ टकराव के चलते भारी से बहुत भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है।
Weather: देशभर में एक संगठित मौसम प्रणाली सक्रिय है, जिसके चलते मौसम विभाग (India Meteorological Department) ने कई राज्यों के लिए चेतावनियां जारी की हैं। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक कम-दबाव प्रणाली विकसित हुई है, जो पश्चिम-उत्तरी दिशा की ओर बढ़ रही है। इस प्रणाली को लेकर IMD का मोटे तौर पर अनुमान है कि अगले 24-48 घंटों में तटवर्ती राज्यों में बहुत भारी बारिश, तूफानी हवाएं तथा बाढ़-जमाव का खतरा बढ़ सकता है।
इसके देखते हुए IMD ने तटवर्ती राज्यों जैसे Andhra Pradesh, Odisha के कुछ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जहां तूफान के लक्षण पहले से दिखने लगे हैं। मौसम विभाग ने यहां तेज तूफान, समुद्री लहरें और बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में भी कहीं-कहीं गरज-चमक, ओलावृष्टि एवं तूफानी हवाओं की चेतावनी दी गई है। हालांकि बात अगर दिल्ली-एनसीआर की करें तो यहां फिलहाल बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन सुबह-शाम कोहरा और धुंध छाई रह सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में पूर्वी भारत और पश्चिमी तट पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के कारण भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके तहत 1 नवंबर को बिहार के उत्तरी और पूर्वी जिलों (जैसे पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, अररिया) में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट है, साथ ही गरज और बिजली चमकने की चेतावनी भी है। ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी 1 और 2 नवंबर को गरज और बिजली के साथ मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है, खासकर तटीय और उप-हिमालयी क्षेत्रों में मौसम में बदलाव ज्यादा होगा।
मौसम विभाग की मानें तो अरब सागर से उठे अवदाब (Depression) के प्रभाव से अगले 48 घंटों में गुजरात कच्छ, सौराष्ट्र और तटीय गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है, जिसके बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। इसके अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी 1 और 2 नवंबर को गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जो दो नवंबर के बाद धीरे-धीरे कम होकर शुष्क मौसम की ओर बढ़ेगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 3 नवंबर से बारिश में कमी आएगी, लेकिन उत्तर में नया दौर शुरू होगा।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, तीन नवंबर को एक और पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो रहा है, जो उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करेगा। इसके चलते पंजाब और हरियाणा में 3 नवंबर की रात से 5 नवंबर के बीच मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। जबकि दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में 4 से 6 नवंबर के बीच हल्की बूंदाबांदी या स्थानीय बारिश हो सकती है, लेकिन बड़े पैमाने पर भारी बारिश की कोई चेतावनी नहीं है।
बात अगर दक्षिण भारत की करें तो इस पूरे सप्ताह तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पूर्वोत्तर मानसून के कारण रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। हालांकि दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस पूरी अवधि के दौरान मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है। इस दौरान सुबह के समय कोहरा और धुंध छा सकता है, जिससे ठंडक बढ़ेगी, लेकिन बारिश की कोई संभावना नहीं है।
तटीय और मैदानी इलाकों में एक-दो दिनों में बड़े पैमाने पर बारिश हो सकती है, जिससे नदियों में जलस्तर बढ़ने, जलजमाव तथा फसल-हानि का खतरा होगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटों के दरम्यान तटवर्ती इलाकों में हवाओं की गति 90–110 किमी/घंटा हो सकती है। इससे समुद्र में ऊंची लहरें उठने के साथ भयंकर तूफान आ सकता है। बात अगर पहाड़ी क्षेत्रों की करें तो हिमालयी राज्यों में बारिश के बाद भूस्खलन, चट्टान गिरने और बारिश का अचानक बढ़ना संभव है।
तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को अगले दो-तीन दिनों में घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए तथा यदि संभव हो तो सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण किया जाना चाहिए। बारिश की कालावधि में नदियों के किनारे, बांधों के पास या जलजमाव वाले क्षेत्रों में न जाएं। वाहन चलाते समय वह इलाका चुनें जहां जलजमाव कम हो और रात के समय विशेष सावधानी बरतें। पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोग भूस्खलन या अचानक पानी का बहाव, चट्टानों में दरारें आदि दिखने पर सतर्क रहें।