Weather Forecast: उत्तर भारत में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। इसके चलते अगले 48 घंटों के दरम्यान मौसम विभाग ने भारी बारिश के साथ ओले गिरने की चेतावनी जारी की है।
Weather Forecast: उत्तर भारत में एक और पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) दस्तक दे चुका है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर में पिछले कई दिनों से बनी एक कमजोर प्रणाली चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र में बदल गई है। इसके चलते मौसम की नई प्रणाली विकसित हुई है। इसके चलते अब पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भी तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह बारिश और ओलावृष्टि कड़ाके की ठंड का कारण बनेगी।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश के अनुसार, ताजा पश्चिमी विक्षोभ इस समय उत्तर पाकिस्तान और उससे सटे इलाकों पर सक्रिय है। इसके अलावा अरब सागर के ऊपर बनी मौसम की नई प्रणाली (Western Disturbance) ने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र को अपनी ओर खींचकर गुजरात और सिंध की ओर बढ़ा दिया है। इसी के चलते मौजूदा समय में पूर्वी सिंध, उत्तरी गुजरात और दक्षिणी राजस्थान में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। इसके अलाव मध्य राजस्थान पर एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो रहा है, जो उत्तर राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश कराएगा।
मौसम विभाग के अनुसार, पांच नवंबर को पहाड़ी राज्यों समेत पंजाब और हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव से हल्की से मध्यम बारिश शुरू होगी। इसके अलावा अरब सागर पर बने चक्रवाती परिसंचरण और पश्चिमी विक्षोभ के चलते मध्य, पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान समेत मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। बात अगर पहाड़ी राज्यों की करें तो जम्मू-कश्मीर और उत्तर लद्दाख में बर्फबारी और भारी बारिश की संभावना है। पूर्वी लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के उत्तरी जिलों, उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना है।
बात अगर मैदानी क्षेत्रों की करें तो मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब के सभी जिलों में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का असर दिखाई देगा। इसके तहत पूर्वी और दक्षिणी पंजाब यानी फाजिल्का, बठिंडा और पटियाला जैसे शहरों में बूंदाबांदी तो उत्तरी जिले (पठानकोट, अमृतसर, जालंधर) में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। वहीं हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ का ज्यादा असर तो नहीं दिखेगा, लेकिन सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, अंबाला जैसे जिलों में बादलों की आवाजाही के साथ बूंदाबांदी हो सकती है। शेष जिलों और दिल्ली में बादलों की आवाजाही दिख सकती है, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह की मानें तो उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का सीधा असर तो नहीं दिखेगा, लेकिन यहां अरब सागर से आ रही हवाएं अपना प्रभाव जरूर दिखाएंगी। इसके चलते पश्चिमी, मध्य यूपी (मथुरा, आगरा, लखनऊ) में बादलों की आवाजाही के साथ हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। जबकि झांसी संभाग में कुछ जगह भारी बारिश और ओलावृष्टि की भी आशंका है। बात अगर पूर्वांचल की करें तो यहां मौसम साफ और आंशिक बादल छाए रहेंगे। बारिश की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का स्पष्ट असर दिखाई देगा। इसके चलते जयपुर, दौसा, कोटा, उदयपुर, भीलवाड़ा आदि जिलों में कहीं हल्की से मध्यम तो कहीं भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा पाली, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली और सवाई माधोपुर जिलों में भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि की प्रबल संभावना है। बात अगर राजस्थान के उत्तरी जिलों की करें तो हनुमानगढ़, चूरू, सीकर में हल्की बारिश/बूंदाबांदी के साथ कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं। हालांकि इन जिलों में भारी बारिश की संभावना नहीं है। पश्चिमी राजस्थान में मौसम साफ रहेगा।
बात अगर मध्य प्रदेश की करें तो मौसम विभाग ने यहां भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके तहत भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, गुना, छिंदवाड़ा, खंडवा, नीमच जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके अलावा कहीं-कहीं भारी बारिश भी संभव है। चंबल और ग्वालियर संभाग में भारी बारिश के साथ ओले गिरने की प्रबल संभावना है। बाकी जिले जैसे भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर आदि में बादलों की आवाजाही के साथ हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, छह नवंबर को भी उत्तर भारत में बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान कुछ जगहों पर तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि 6 नवंबर के बाद पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की जाएगी। सुबह की ठंड बर्फीली होगी और दिन भी काफी ठंडे रहेंगे। मौसम की इन गतिविधियों से प्रदूषण के स्तर में भारी कमी आने की उम्मीद है।