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सरिस्का से एक किमी की परिधि में संचालित मार्बल की 91 खाने बंद, एसआईटी को निगरानी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन व खनन विभाग ने सरिस्का से एक किमी के दायरे में चल रही करीब 91 खानों पर ताला लगवा दिया है। ये खाने राजगढ़ क्षेत्र के टहला एरिया में संचालित थीं। अब प्रशासन अजबगढ़ रेंज में सर्वे करवा रहा है। वहां भी खानों की दूरी एक किमी के दायरे में रही तो कुछ खनन गतिविधियों पर ताला लग जाएगा।

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Jun 11, 2024

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन व खनन विभाग ने सरिस्का से एक किमी के दायरे में चल रही करीब 91 खानों पर ताला लगवा दिया है। ये खाने राजगढ़ क्षेत्र के टहला एरिया में संचालित थीं। अब प्रशासन अजबगढ़ रेंज में सर्वे करवा रहा है। वहां भी खानों की दूरी एक किमी के दायरे में रही तो कुछ खनन गतिविधियों पर ताला लग जाएगा। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन की ये अपने में बड़ी कार्रवाई है। एसआईटी खनन गतिविधियों पर नजर रखेगी। सरिस्का के आसपास खनन गतिविधियों में लिप्त संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

ये थे आदेश, इस तरह अफसर बढ़े आगे

सुप्रीम कोर्ट ने मई में प्रदेश सरकार को आदेश जारी किए थे सरिस्का से एक किमी के दायरे में सभी प्रकार की खनन गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाए। सरकार से ये भी कहा था कि इस आदेश के पालन के लिए अलग से योजना बनाई जाए। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन व खनन विभाग ने खानों का सर्वे शुरू कर दिया। टहला क्षेत्र में करीब 53 खान संचालित मिलीं। इसमें अधिकांश मार्बल की हैं। इन खानों को प्रशासन ने बिना देरी किए पूरी तरह बंद करवा दिया है। साथ ही खान विभाग को मॉनिटरिंग के भी आदेश प्रशासनिक अधिकारियों ने दिए हैं। 38 खान कुछ समय पहले विभाग ने ही बंद करवा दी थीं। इस तरह 91 खानों पर ताला लग गया। निगरानी के लिए एसटीआई गठित की गई है।

अजबगढ़ रेंज में सर्वे का काम लगभग पूरा

अजबगढ़ रेंज में भी दर्जनभर खान संचालित हैं। उप वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर ओम प्रकाश शर्मा ने जिला कलक्टर को हाल ही में पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि अजबगढ़ रेंज के पिपलाई वन खंड के गांव समरा, पिपलाई हाल कालापारा के निकट खनन पट्टे दिए गए हैं लेकिन इनकी िस्थति रिकॉर्ड में साफ नहीं हो पा रही है। ऐसे में इसके लिए संयुक्त सर्वे भू प्रबंधन विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग व खनन विभाग से करवाएं। यहां से अफसरों ने टीम बनाई। बताते हैं कि इस सर्वे का कार्य अंतिम चरण में है। यहां की अधिकांश खान सरिस्का से एक किमी से दूर बताई जा रही हैं। गांव झिरी में भी टीम सर्वे कर रही है।

4 हजार से ज्यादा लोग हो गए बेरोजगार

मार्बल आदि खानों में करीब 4 हजार लोग काम कर रहे थे, जो इनके बंद होने से बेरोजगार हो गए। इन खनन गतिविधियों के संचालन से सरिस्का के वन्यजीव प्रभावित हो रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 91 खाने बंद करवा दी गई हैं। इन खानों की निगरानी एसआईटी कर रही है। ये खान टहला क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं।

- मनोज शर्मा, खनि अभियंता

सरिस्का से एक किमी के दायरे में जो खाने संचालित थीं, वह बंद करा दी गई हैं। विभाग निगरानी कर रहा है।

- वीरेंद्र वर्मा, एडीएम प्रथम

Published on:
11 Jun 2024 11:51 am
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