अनूपपुर. जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर वन परिक्षेत्र में दो हाथियों ने 15 दिनों से डेरा जमाया हुआ है। फिलहाल वे गोबरी बीट के कक्ष क्रमांक 302 के जंगल में हंै। शनिवार की सुबह 4 बजे के लगभग गोबरी में महावीर वर्मा के खेत में बनी झोपड़ी को तहस-नहस करने बाद फिर से मुख्य मार्ग […]
अनूपपुर. जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर वन परिक्षेत्र में दो हाथियों ने 15 दिनों से डेरा जमाया हुआ है। फिलहाल वे गोबरी बीट के कक्ष क्रमांक 302 के जंगल में हंै। शनिवार की सुबह 4 बजे के लगभग गोबरी में महावीर वर्मा के खेत में बनी झोपड़ी को तहस-नहस करने बाद फिर से मुख्य मार्ग पारकर गोबरी के कक्ष क्रमांक 302 ठाकुरबाबा के पास पहुंच गए। बताया जाता है कि हाथियों को जिले से बाहर करने के लिए विभाग योजना बना रहा है। वन विभाग द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्रों के हाथी विशेषज्ञों को पश्चिम बंगाल एवं अन्य स्थानों से एक बड़ा दल इस स्थल पर बुलाया जा रहा है जो इन प्रवासी हाथियों को जिले से बाहर करने में मदद करेंगे। हाथियों के निरंतर विचरण करने पर मुख्य वन संरक्षक शहडोल एलएल उईके, वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर श्रद्धा पेन्द्रे, एसडीओ वन प्रदीप कुमार खत्री, जैतपुर एसडीओ आईएफएस गौरव जैन, अनूपपुर, जैतहरी, राजेंद्रग्राम के वन परिक्षेत्र अधिकारी के साथ जिला मुख्यालय अनूपपुर के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल ने हाथी प्रभावित क्षेत्र गोवरी, ठेंगरहा, पगना, दुधमनिया, केकरपानी, गौरेला का भ्रमण किया। इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने, गांव से बाहर व जंगल के किनारे बसे ग्रामीणों को अंधेरा होने के पूर्व आबादी वाले क्षेत्र या पक्के मकानों में रहने की अपील की है।
7 ग्रामीणों को मिली आर्थिक सहायता
जंगली हाथियों से प्रभावित ग्रामीणों को राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 6 (4) के अनुसार आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत कर प्रदान की गई है। तहसील जैतहरी के प्रभारी तहसीलदार अनुपम पांडे ने बताया कि ग्राम चोलना के 2 मकान क्षति प्रभावितों, ग्राम पगना के 2, ग्राम ठेही का 1 तथा ग्राम गौरेला के 2 प्रभावित किसानों को 37 हजार 500 की राहत राशि उनके बैंक खातों में प्रेषित की गई है। जंगली हाथी से प्रभावित क्षेत्रों में क्षति के आंकलन के संबंध में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ द्वारा निर्देश दिए गए हैं जिसके परिपालन में राजस्व अधिकारी शिविर लगाकर आवश्यक जानकारी संग्रहित किए हैं। जंगली हाथियों से प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने तथा सुरक्षात्मक आवश्यक सलाह भी ग्रामीणों को दी गई। ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया किसी भी तरह की आवश्यकता प्रतीत होने पर जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की हर संभव मदद सुनिश्चित की जाएगी।
हाथियों के समूह में शामिल थे दोनों हाथी
मुख्य वन संरक्षक एलएल उईके ने कहा कि ये दोनों हाथी विगत वर्ष जुलाई में आए पांच हाथियों के समूह के सदस्य हैं। जो छत्तीसगढ़ राज्य से विचरण करते हुए जिले में विगत 15 दिनों से निरंतर विचरण कर रहे हैं। दोनों हाथी विगत 15 दिनों से उन्हीं क्षेत्रो,मार्गो वनों में विचरण करते हुए ठहरते हैं जहां उनके तीन अन्य साथी विचरण करते तथा ठहरते रहे हैं। इस दौरान अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के निर्देश पर एसडीएम जैतहरी के साथ तहसीलदार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैतहरी द्वारा गोवरी,पंगना, दुधमनिया, ठेगरहा, गौरेला, ठेही आदि ग्रामों में गाम पंचायतो के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठक कर हाथियों के प्रवास के दौरान उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा की है। दोनों हाथी अपने साथियों की तलाश करने के उद्देश्य से क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं।