
MP News: मध्यप्रदेश के दो आईएएस अफसर मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। आईएएस संतोष वर्मा के द्वारा ब्राह्मण बेटियों पर की गई अभद्र टिप्पणी का मामला अभी थमा भी नहीं था कि एक और वीडियो चर्चाओं का विषय बन गया। जिसमें वह कह रहे हैं कि साल 2016 में हमने जो ताकत दिखाई थी, वह एकदम अलग थी और उस ताकत के दिखाने के बाद हम 'माई के लाल' बन गए थे। ऐसे ही आईएएस मीनाक्षी सिंह कह रही हैं कि जातिगत पहचान और जातिवादी होना, आज के समय की सबसे बड़ी मांग है।
दरअसल, ये दोनों बयान 23 नवंबर को राजधानी के अंबेडकर पार्क में हुए अजाक्स के प्रांतीय सम्मेलन के हैं। जो कि अब जाकर वायरल हो रहे हैं।
IAS संतोष वर्मा ने कहा कि साल 2016 में हमने जो ताकत दिखाई थी, वह एकदम अलग थी और उस ताकत के दिखाने के बाद हम 'माई के लाल' बन गए थे। आज हमारी स्थिति वैसी बिल्कुल नहीं है। अब स्थिति बदल गई है। हमें हर तरह से तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए फिर वैसी ही ताकत दिखानी होगी।
IAS मीनाक्षी सिंह ने अजाक्स के सम्मेलन में कहा कि अजाक्स को केवल हमारे संगठन तक नहीं बल्कि समाज तक जाना होगा। एक वीडियो वायरल में वह कह रही हैं कि समाज को जोड़ने के लिए सबसे पहली धुरी हमारा परिवार है। हमारे बच्चों को बताना पड़ेगा कि हम आदिवासी हैं। हमारी जाति क्या है? जातिगत पहचान और जातिवादी होना, आज के समय की सबसे बड़ी मांग है।
उन्होंने आगे कहा कि सवर्ण समाज के लोग पक्षपात करते हैं। यह जातिवादी मानसिकता हमारे लिए जरूरी है। हम अपने लोगों को ढूंढें और उनकी मदद करें। मेरे आदिवासी भाई बंधु संकोच करते हैं कि कैसे जाएं, यह बड़े पद पर हैं। ऐसा मत सोचिए, जब भी भोपाल आएं तो हमसे मिलने जरूर आएं। अपने दिल की बात रखें और समस्या बताएं, मिलेंगे- बैठेंगे, बात करेंगे तभी हम समाज के लिए कुछ कर पाएंगे। हमारा सरकारी सिस्टम कितना कॉम्प्लिकेटेड है यह भी हम देख रहे हैं।
Updated on:
19 Dec 2025 04:26 pm
Published on:
19 Dec 2025 04:23 pm
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