अमित शाह से मिलने पर पार्टी के नेताओं ने रोका नहीं करने दिया मंच साझा कोलकाता . नो-ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण अंतिम समय में बीरभूम से भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस देवाशीष धर का नामांकन खारिज होने पर उनकी पार्टी में भी अहमियत काफी घट गई है। देवाशीष ने आरोप लगाया है […]
कोलकाता . नो-ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण अंतिम समय में बीरभूम से भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस देवाशीष धर का नामांकन खारिज होने पर उनकी पार्टी में भी अहमियत काफी घट गई है। देवाशीष ने आरोप लगाया है कि अमित शाह के साथ मंच साजा करने पर उन्हें बाधा दिया गया। प्रदेश स्तर और जिले के कुछ नेताओं ने मिलकर उन्हें मंच पर उठने नहीं दिया। जबकि वे काफी देर तक मंच के पीछे बैठ इंतजार करते रहे। ऐसा भी नहीं है कि उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहले से जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने कार्यक्रम का शिड्यूल बनाने वाले कार्यकर्ताओं से पहले ही बता दिया था कि वे सभा के दिन वहां मौजूद रहेंगे। वे प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य भी है। देवाशीष का कहना है कि जिस तरह से उनकी उपेक्षा हुई है, उससे वे काफी दुखी हैं। इस तरह से खुलेआम उनके साथ भेद-भाव नहीं करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि वे अमित शाह से मिलना चाहते थे, लेकिन उनको मिलने नहीं दिया गया। आरोप है कि यह घटना शुक्रवार को बीरभूम के रामपुरहाट में अमित शाह की सभा में हुई। उम्मीदवारी रद्द होने के बाद देवाशीष धर से ऐसा बर्ताव किया गया।
भाजपा राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य देवाशीष धर के साथ ऐसा होने से पार्टी का एक वर्ग काफी नाराज है। यह सवाल उठने लगा है कि क्या भाजपा में शामिल होने के एक महीने के भीतर ही प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व आईपीएस देवाशीष का पार्टी से मोहभंग हो गया है?
मालूम हो भाजपा ने उन्हें बीरभूम में तृणमूल की शताब्दी रॉय के खिलाफ मैदान में उतारा था, लेकिन, राज्य सरकार द्वारा नो-ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण आखिरी समय में देवाशीष धर का नामांकन रद्द कर दिया गया। वहीं देवतनु भट्टाचार्य बीरभूम से भाजपा के उम्मीदवार बन गये हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को उनके समर्थन में रामपुरहाट में सभा की थी।
शाह शाम 5 बजे सभा स्थल पर पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री 40 मिनट तक यानी 5.40 बजे तक मंच पर थे। वहीं, देवाशीष धर 5 बजे से पहले ही सभा स्थल पर पहुंच गये थे, लेकिन, उन्होंने शिकायत की कि काफी देर तक मंच के पीछे बैठने के बावजूद उन्हें मंच पर जाने की इजाजत नहीं दी गई। उन्हें अमित शाह से मिलने भी नहीं दिया गया। इससे पहले पूर्व आईपीएस को 3 मई को प्रधानमंत्री की बैठक में भी नजरअंदाज किया गया था। तब भी देवाशीष को मंच पर नहीं बुलाया गया था।
देवाशीष का कहना है कि प्रोटोकॉल के अनुसार मेरा वहां रहना आवश्यक था। इसलिए मैं दोनों जगहों पर गया था।' भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई घटना हुई है। हालाँकि, मैं जाँच करूँगा और देखूँगा कि क्या हुआ। अगर ऐसा कुछ हुआ तो मैं उनसे बात करूंगा।'