हनुमानगढ़. फाइनेंस व बीमा कंपनियों पर जिला कलक्टर काफी मेहरबान हो रहे हैं। जबकि गरीब किसान व मजदूर कंपनियों के चंगुल में फंसकर लगातार कंगाल हो रहे हैं।
-अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारियों ने जमीनों की कुर्की और बीमा कंपनियों की मनमानी के खिलाफ आंदोलन का लिया निर्णय
-तीन मार्च को कलक्ट्रेट घेरकर कलक्टर से करेंगे सवाल-जवाब
हनुमानगढ़. फाइनेंस व बीमा कंपनियों पर जिला कलक्टर काफी मेहरबान हो रहे हैं। जबकि गरीब किसान व मजदूर कंपनियों के चंगुल में फंसकर लगातार कंगाल हो रहे हैं। मुसीबत के वक्त में मजबूर लोगों को राहत पहुंचाने की बजाय कलक्टर फाइनेंस व बीमा कंपनियों का सहयोग कर मजबूर किसानों व मजदूरों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी कर रहे हैं। यह बात अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष मंगेज चौधरी ने शुक्रवार को जंक्शन के किसान भवन में मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने जिले में हो रही जमीनों और घरों की कुर्की के मामलों पर विरोध जताया। कलक्टर को खुली चुनौती देकर कहा कि आप कुर्की करते रहो, हम ताले तोड़ते रहेंगे। आरोप लगाया कि जिले में प्रशासन और बीमा कंपनियों की मनमानी से आमजन त्रस्त है। बीमा और फाइनेंस कंपनियों के गुंडे लोगों के घरों में जबरन घुसकर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और फाइनेंस कंपनियों को बिना अनुमति घरों में घुसने से रोका जाना चाहिए। जो फाइनेंस कंपनियां 90 पैसे से अधिक ब्याज वसूल रही हैं, उन्हें तुरंत ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए। इसके साथ ही लोन की शर्तें हिंदी में लिखी जानी चाहिए ताकि आमजन को सही जानकारी मिल सके। एनपीए खातों को रिफाइनेंस कर सस्ती किश्तों में परिवर्तित किया जाए और कोरोना काल की किश्तों पर लगी पेनल्टी को भी हटाया जाए। किसान सभा ने फाइल चार्ज पर भी रोक लगाने की मांग की है। जो लोन लेते समय किसानों से वसूला जाता है। साथ ही बीमा कंपनियों द्वारा क्रॉप कटिंग का सेटेलाइट के माध्यम से सर्वेक्षण कराने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए। क्रॉप कटिंग का काम रैंडम तरीके से करवाने की मांग की। ताकि किसानों को उनकी फसलों का सही मुआवजा मिल सके। किसान सभा ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इन मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। किसान नेता गोपाल बिश्नोई, चरणप्रीत सिंह, रघुवीर वर्मा, जगजीत सिंह जग्गी, वेद मक्कासर, सुलतान खान आदि प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद रहे। सभी ने तीन मार्च को कलक्ट्रेट घेरकर इस मुद्दे पर कलक्टर से सवाल-जवाब करने की बात कही। कुर्की का विरोध कर रहे किसान नेताओं पर दर्ज किए जा रहे एफआईआर को लेकर कहा कि हम इस तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। मजबूर लोगों की मदद के लिए संगठन हमेशा तत्पर रहेगा।
कलक्टर का क्या इंटरेस्ट
प्रेस कान्फ्रेंंस में किसान नेता मंगेज चौधरी ने पूर्व में कलक्टर रहे नथमल डिडेल, रुकमणि रियार आदि का नाम लेकर कहा कि इन कलक्टरों ने इतने कुर्की वारंट जारी नहीं किए। जबकि वर्तमान कलक्टर फाइनेंस कंपनियों के कहने पर गरीब लोगों को बेघर कर रहे हैं। मंगेज चौधरी ने आरोप लगाया कि कुर्की कानून में बहुत सी बातों को नजर अंदाज कर कलक्टर काम कर रहे हैं। जबकि दूसरे जिलों में ऐसा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों के नाम कुर्की वारंट जारी करने के पीछे कलक्टर का क्या इंटरेस्ट है, यह समझ से परे है। मंगेज ने कुछ किसानों के प्रकरण बताकर संबंधित दस्तावेज भी दिखाए। इसमें सलेमगढ़ मसानी, पंडितवाली, पीलीबंगा के प्रकरणों का उल्लेख किया। इसमें बताया कि कुछ लोगों ने आठ लाख रुपए का लोन लिया, आठ लाख ही भर दिया, परंतु फिर भी फाइनेंस कंपनियां आठ लाख रुपए का बकाया निकाले बैठी है। कलक्टर कुर्की नोटिस जारी कर रहे हैं। यह मानवता के लिहाज से उचित नहीं है।
-