समाचार

Cold Weather Forecast : हो जाओ तैयार, रेकार्ड बारिश के बाद इस बार पड़ेगी कड़ाके की सर्दी

मानसून की नमी भी बढ़ाएगी ठंड, मैदान में पारा जा सकता माइनस में देश में मानसून सीजन में रेकार्ड बारिश के बाद इस साल सर्दी भी कड़ाके की पडऩे वाली है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने मौसम विज्ञान विभाग और वैश्विक जलवायु मॉडल्स के हवाले से कहा है कि दिसंबर से फरवरी के बीच ला-नीना की वापसी […]

2 min read
Oct 05, 2025
फोटो: पत्रिका

मानसून की नमी भी बढ़ाएगी ठंड, मैदान में पारा जा सकता माइनस में

देश में मानसून सीजन में रेकार्ड बारिश के बाद इस साल सर्दी भी कड़ाके की पडऩे वाली है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने मौसम विज्ञान विभाग और वैश्विक जलवायु मॉडल्स के हवाले से कहा है कि दिसंबर से फरवरी के बीच ला-नीना की वापसी को देखते हुए उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ने की पूरी संभावना है। साथ ही मानसून की अतिरिक्त बारिश से वायुमंडल में नमी बढ़ी है, जो देश में सर्दियों में उत्तर-पश्चिमी हवाओं व पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलकर तापमान को रिकॉर्ड निचले स्तर पर धकेल सकती है।

देश में इस साल मानसून में मौसम विभाग की भविष्यवाणी से भी अधिक 108 फीसदी तक बारिश हुई। पोस्ट मानसून अभी भी देश में कई जगह बारिश कर रहा है। मौसम विभाग (आइएमडी) के अनुसार वर्तमान में स्थितियां सामान्य हैं, लेकिन मानसून की पूरी तरह विदाई के बाद अब ला-नीना के नए दौर की संभावना बढ़ जाएगी। आइएमडी के मॉडल अक्टूबर-दिसंबर में ला-नीना विकसित होने की 50 प्रतिशत से अधिक संभावना दिखा रहे हैं जबकि अमरीका के नेशनल वेदर सर्विस सेंटर ने इसकी प्रबल संभावना बताई है।

लॉ नीना से इसलिए बढ़ती है सर्दी

ला नीना प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय हिस्से में समुद्री सतह के तापमान के सामान्य से अधिक ठंडा होने की स्थिति है। प्रशांत महासागर का तापमान पहले ही सामान्य से ठंडा है। यदि यह -0.5 डिग्री से नीचे तीन माह तक बना रहता है, तो इसे ला-नीना घोषित किया जाएगा। ला-नीना के कारण निचले स्तर की चक्रीय हवाएं उत्तरी अक्षांशों से ठंडी हवा भारत की ओर खींच लाएगी। जिससे पारा तेजी से नीचे गिर जाता है। इस पैटर्न का असर भारत समेत पूरी दुनिया के मौसम पड़ेगा। ला-नीना भारत में असामान्य ठंड, शीतलहर और भारी बर्फबारी का कारण बना है।.

चेतावनी : हिमालयी क्षेत्र में ज्यादा बर्फबारी,मैदान में पारा

आइआइएसइआर मोहाली और ब्राजील के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च के संयुक्त शोध में ला-नीना बनने की संभावना के साथ यह चेतावनी दी गई है।

-हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी सामान्य से अधिक होगी। हिमालय रेंज व ऊंचे इलाकों में अधिक ठंड रहेगी। रात का पारा माइनस 5 से माइनस 15 डिग्री या इससे भी नीचे जा सकता है।

-मैदानी इलाकों (उत्तर व उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत क्षेत्र) में न्यूनतम तापमान जीरो से माइनस 5 डिग्री तक पहुंच सकता है। ठंडी हवाओं का लंबा दौर।

'ला-नीना के दौरान भारत में सर्दियां सामान्य से ज्यादा ठंडी हो जाती हैं। इस बार अच्छी बारिश से हुई नमी ने इस संभावना को बढ़ा दिया है।'

राधेश्याम शर्मा, निदेशक, आइएमडी जयपुर

सर्दी के पिछले रेकार्ड

दिसंबर-2010 में दिल्ली का अधिकतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंचा। यह उस समय 100 सालों में सबसे ठंडा दिन रहा।

जनवरी 2017- उत्तर भारत में ठंडी लहर। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में तापमान माइनस 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

2022-23 दिसंबर की सर्दी भारत की सबसे ठंडी सर्दियों में से एक रही। औसत न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

दिसम्बर 2024- दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। उस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा।

Updated on:
05 Oct 2025 10:49 pm
Published on:
05 Oct 2025 10:47 pm
Also Read
View All

अगली खबर