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कीळडी पुरातत्व खुदाई रिपोर्ट शीघ्र प्रकाशित करने की मांग उठाई डीएमके ने

राज्यसभा में डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने शून्यकाल में उठाया मुद्दा, शिवा ने कहा कि रिपोर्ट जारी करने में हो रही देरी “तमिल लोगों को उनकी समृद्ध संस्कृति और विरासत समझने के अवसर से वंचित करने” के समान है। डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने गुरुवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार से कीळडी पुरातात्विक खुदाई की […]

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Dec 18, 2025

राज्यसभा में डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने शून्यकाल में उठाया मुद्दा, शिवा ने कहा कि रिपोर्ट जारी करने में हो रही देरी "तमिल लोगों को उनकी समृद्ध संस्कृति और विरासत समझने के अवसर से वंचित करने" के समान है।

डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने गुरुवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार से कीळडी पुरातात्विक खुदाई की रिपोर्ट शीघ्र प्रकाशित करने की मांग की है। शिवा ने कहा कि रिपोर्ट जारी करने में हो रही देरी "तमिल लोगों को उनकी समृद्ध संस्कृति और विरासत समझने के अवसर से वंचित करने" के समान है।शिवा ने शून्यकाल के दौरान बताया कि शिवगंगा जिले के मदुरै के समीप स्थित खुदाई स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने वर्ष 2013-14 में चिन्हित किया था। पुरातत्वविद् के. अमरनाथ रामकृष्ण के नेतृत्व में टीम ने दो वर्षों में 7,500 कलाकृतियां खोजीं। वर्ष 2016 में अमरनाथ के स्थानांतरण के बाद "प्रक्रिया ठप हो गई।"5वीं सदी ईसा पूर्व के बर्तन मिले

शिवा ने बताया कि वर्ष 2017 में मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य पुरातत्व विभाग ने कार्यभार संभाला और 15,000 अतिरिक्त कलाकृतियां खोजीं, जिनमें 5वीं सदी ईसा पूर्व के तमिल ब्राह्मी लिपि वाले बर्तन शामिल हैं। वर्ष 2021 में अमरनाथ के चेन्नई सर्किल के अधीक्षक के रूप में लौटने पर, उन्होंने दो वर्षों की मेहनत के बाद 988 पृष्ठों की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसकी खोजों की कार्बन जांच फ्लोरिडा की बीटा लैब में कराई गई।

इतनी देरी क्यों?शिवा ने सवाल किया कि केंद्र सरकार के वकील ने 2023 में मद्रास उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि रिपोर्ट नवंबर 2024 तक प्रकाशित कर दी जाएगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ। "अब दिसंबर 2025 है, अब तक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई। इतनी देरी क्यों?" उन्होंने जानकारी दी कि तमिलनाडु सरकार द्वारा संचालित संग्रहालय में प्रतिदिन 3,000-4,000 और सप्ताहांत में 5,000-6,000 लोग आते हैं।सांसद ने सरकार से रिपोर्ट के साथ विशेषज्ञों की सूची और समीक्षा प्रक्रिया संबंधी विवरण भी सार्वजनिक करने की मांग की, ताकि "वैज्ञानिक पारदर्शिता बढ़े और सांस्कृतिक तथ्यों को दबाया न जाए।" शिवा ने यह भी कहा कि खुदाई तमिलनाडु की है, लेकिन "यह भारतीय संस्कृति को भी दर्शाती है।" शिवा की इस मांग पर संसद में चर्चा हुई और उन्होंने सरकार से शीघ्र रिपोर्ट जारी करने पर जोर दिया।

Updated on:
18 Dec 2025 06:02 pm
Published on:
18 Dec 2025 06:00 pm
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