
भिण्ड. जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि रोजाना 100 से अधिक लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं। इनमें से 70 से 80 पीड़ित जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर प्रशासन की गंभीरता नजर नहीं आ रही है। नगर पालिका निगम और पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के बीच समन्वय की कमी भी समस्या को और गंभीर बना रही है।
जिले में एक भी डॉग शेल्टर होम नहीं है, जबकि अनुमान है कि आवारा कुत्तों की संख्या 15 से 20 हजार के बीच पहुंच चुकी है। यही वजह है कि डॉग बाइट के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। बीते वर्ष औसतन हर माह 50 डॉग बाइट के मामले सामने आते थे, जो इस वर्ष बढ़कर 80 तक पहुंच गए हैं। स्थिति यह है कि एक माह में करीब दो हजार लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं।
हाल ही में दो बच्चों पर हुए हमले इतने गंभीर थे कि उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, बाद में हालत बिगड़ने पर ग्वालियर रेफर किया गया। गुरुवार सुबह ऊमरी थाना क्षेत्र के ककहरा गांव में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया।
लहार रोड निवासी दीपक ने बताया कि ग्वालियर से देर रात लौटने पर शास्त्री चौराहे तक तो कोई न कोई साधन मिल जाता है, लेकिन इसके बाद हाउसिंग कॉलोनी, गौरी रोड और माधौगंज हाट क्षेत्र में पैदल निकलना खतरनाक हो जाता है। कई स्थानों पर आवारा कुत्तों के झुंड लोगों को घेर लेते हैं। आवारा कुत्तों के हमले निराश्रित गोवंश पर भी हो रहे हैं।
18 दिसंबर को ऊमरी थाना क्षेत्र के ककहरा गांव में सुबह सात बजे घर के बाहर खेल रहे पांच वर्षीय विनय पुत्र देवेंद्र दौहरे पर आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। बच्चे के चेहरे, सिर और मुंह पर गहरे जख्म आए। गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां से ग्वालियर रेफर किया गया।
6 सितंबर को रौना थाना क्षेत्र के अचलपुरा गांव में शाम पांच बजे घर के बाहर खेल रही पांच वर्षीय बच्ची अराध्या पर स्ट्रीट डॉग ने हमला कर दिया। कुत्ते ने बच्ची के सिर को जबड़े में दबाकर गहरे दांत गड़ा दिए। प्राथमिक उपचार के बाद उसे भिण्ड लाकर इलाज कराया गया।
31 अक्टूबर को मेहगांव थाना क्षेत्र के ग्राम गुतौर में गेहूं पिसवाने जा रही सगुना पत्नी सुजान परिहार पर गली के कुत्तों ने हमला कर दिया। भागने के दौरान वह गिर पड़ी और कुत्ते ने हाथ में काट लिया। महिला को पहले मेहगांव और बाद में जिला अस्पताल लाया गया।
कथन
“जिला अस्पताल में रोज औसतन 70–80 डॉग बाइट के मामले आते हैं। कई बार गंभीर घायल भी पहुंचते हैं। आवारा कुत्तों का सुनियोजित प्रबंधन बेहद जरूरी है।”
— साकेत चौरसिया, प्रबंधक, जिला अस्पताल
Updated on:
20 Dec 2025 12:50 am
Published on:
20 Dec 2025 12:48 am
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