
कोर्ट
ग्वालियर. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि यदि कोई अधिकारी सात साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ है, तो उसका तबादला वैध है। कोर्ट ने ‘चेन ट्रांसफर’ के आरोप को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि तबादला नीति की धारा 19 केवल निर्देशात्मक (डायरेक्टरी) है, अनिवार्य नहीं। इसी आधार पर सामाजिक सुरक्षा अधिकारी रवि पमवानी की याचिका को खारिज करते हुए उनके 16 जून, 2025 को जारी तबादला आदेश को बरकरार रखा गया।
याचिकाकर्ता रवि पमवानी दतिया में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के पद पर सात वर्ष से अधिक समय से पदस्थ थे। 16 जून, 2025 को उनका तबादला आदेश जारी किया गया, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी। पमवानी ने तर्क दिया था कि यह आदेश अधिकारियों की एक श्रृंखला बनाकर किया गया ’चेन ट्रांसफर’ है, जो तबादला नीति के विपरीत है। उन्होंने पारिवारिक कारणों, अपनी माता के श्रवण दोष और पिता की हृदय संबंधी बीमारी का हवाला भी दिया।
हाईकोर्ट ने दिए अहम तर्क
राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता सात साल से अधिक समय से दतिया में एक ही स्थान पर पदस्थ था, और तबादला नीति की धारा 17 के तहत उसका तबादला नियमानुसार था। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पाया कि संबंधित आदेश से कोई पूर्ण ’’चेन ट्रांसफर’’ सिद्ध नहीं होता। भले ही तबादला नीति की धारा 19 (चेन ट्रांसफर से संबंधित) का उल्लंघन मान भी लिया जाए, तो वह आदेश को स्वत: निरस्त नहीं करता, क्योंकि यह धारा केवल निर्देशात्मक है, अनिवार्य नहीं।
Updated on:
20 Dec 2025 01:45 am
Published on:
20 Dec 2025 01:44 am
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