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जेजेएस के पहले दिन रेकॉर्ड विदेशी बायर्स पहुंचे, चार दिन में 1500 करोड़ के ऑर्डर की उम्मीद

कस्टमाइज और सस्टेनेबल ज्वैलरी की डिमांड यूरोप-मिडिल ईस्ट से बढ़ी जयपुर की ज्वैलरी डिमांड

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कस्टमाइज और सस्टेनेबल ज्वैलरी की डिमांड
यूरोप-मिडिल ईस्ट से बढ़ी जयपुर की ज्वैलरी डिमांड
अमरीका की गिरावट की भरपाई यूरोप और मिडिल ईस्ट से
टैरिफ के बाद भी विदेशी ऑर्डर्स ने पकड़ी रफ्तार

जयपुर. देश के जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर पर अमरीकी टैरिफ का असर धीरे—धीरे कम हो रहा है। हाल ही में हांगकांग और यूरोप में हुए ज्वैलरी शोज में जयपुर के ज्वैलर्स को बड़ी संख्या में आर्डर मिले हैं, और अब देश के सबसे बड़े ज्वैलरी शोज में से एक जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) के आगाज से ज्वैलर्स के चहरे खिल गए हैं। 19 दिसंबर यानी शुक्रवार को शुरू हुए इस शो के पहले ही दिन रेकॉर्ड विदेशी बायर्स की भागीदारी देखने को मिली है। जेजेएस के संयुक्त सचिव अजय काला ने बताया कि पहले ही दिन 150 से ज्यादा विदेशी बायर्स ने दस्तक दी है, अगले तीन दिनों में यह संख्या 800 का आंकड़ा पार कर सकती है।
अमरीकी टैरिफ के बाद स्थानीय ज्वैलर्स ने विदेशी शोज से अच्छी भागीदारी दिखाई, जिसका न​तीजा यह है कि यूरोपियन और मिडिल ईस्ट के बाजारों से ज्वैलरी मांग तेजी से बढ़ी है। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अमरीकी टैरिफ के कारण यूरोपीय खरीदार भारत को एक स्थिर और प्रतिस्पर्धी सोर्सिंग डेस्टिनेशन के रूप में देख रहे हैं।

इनमें ज्यादा रुचि
बायर्स खासतौर पर रंगीन रत्न ज्वैलरी, पोल्की, कुंदन-मीना, डायमंड स्टडेड और लाइटवेट फैशन ज्वैलरी आर्डर्स दे रही हैं। गौरतलब है कि भारत की डिजाइन वैरायटी, कारीगरी और कस्टमाइजेशन क्षमता यूरोपीय बाजार की जरूरतों के अनुरूप है। एक निर्यातक के अनुसार अमरीकी टैरिफ से जहां कुछ चुनौतियां आई, वहीं यूरोप और मिडिल ईस्ट से बढ़ी डिमांड ने हमें नया अवसर दिया है।

1500 करोड़ रुपए से ज्यादा के आर्डर मिलने की उम्मीद
अमरीका को होने वाले जेम्स-ज्वैलरी के निर्यात में गिरावट के बावजूद नवंबर में रतन-आभूषणों का निर्यात 27.8 प्रतिशत बढ़कर 2.64 अरब डॉलर रहा। ज्वैलर्स का कहना है कि नवंबर 2025 में यूरोप से फेस्टिवल सीजन में मांग बढऩे के साथ इंटरनेशनल ज्वैलरी शोज में अच्छी बुकिंग से भी जेम्स-ज्वैलरी के निर्यात में तेजी आई है। जेजेएस में भाग ले रहे निर्यातकों का कहना है कि जिस तरह पहले दिन विदेशी खरीदारों की भागीदारी रही है, ऐसा लगता है कि इस शो से 1500 करोड़ रुपए के केवल विदेशी आर्डर मिल सकते हैं।

देश पहले दिन आए ट्रेड विजिटर्स
ताइवान 45
उज्बेकिस्तान 25
दुबई 22
नेपाल 17
हांगकांग 16
अमरीका 13
ओमान 9