समाचार

हीटवेव के संपर्क में आने से तेजी से बूढ़ा हो रहा इंसान

नई दिल्ली. नई दिल्ली. जलवायु संकट से बढ़ रही भीषण गर्मी अब केवल असुविधा ही नहीं, बल्कि इंसानी उम्र पर भी असर डाल रही है। नेचर क्लाइमेट चेंज पत्रिका में प्रकाशित इस नए शोध में, अध्ययन में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की जैविक आयु निर्धारित करने के लिए रक्तचाप, सूजन, कोलेस्ट्रॉल, फेफड़े, यकृत और गुर्दे के […]

2 min read
Aug 28, 2025
ब्रिटेन में प्रचंड गर्मी का अलर्ट जारी किया गया है। (प्रतीकात्मक फोटो: पत्रिका।)

नई दिल्ली. नई दिल्ली. जलवायु संकट से बढ़ रही भीषण गर्मी अब केवल असुविधा ही नहीं, बल्कि इंसानी उम्र पर भी असर डाल रही है। नेचर क्लाइमेट चेंज पत्रिका में प्रकाशित इस नए शोध में, अध्ययन में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की जैविक आयु निर्धारित करने के लिए रक्तचाप, सूजन, कोलेस्ट्रॉल, फेफड़े, यकृत और गुर्दे के कार्य सहित कई चिकित्सीय परीक्षणों के परिणामों का उपयोग किया गया। शोधकर्ताओं ने इसकी तुलना प्रत्येक व्यक्ति की वास्तविक आयु से की ताकि पता लगाया जा सके कि क्या हीटवेव के बार-बार संपर्क में आने का संबंध तेजी से बूढ़ा होने से है।

ताइवान में किए गए इस शोध में 25,000 लोगों को 15 वर्षों तक ट्रैक किया गया। पाया गया कि दो वर्षों में चार अतिरिक्त हीटवेव दिन झेलने वाले लोगों की जैविक उम्र लगभग नौ दिन बढ़ गई, जबकि बाहर काम करने वाले मजदूरों में यह बढ़ोतरी 33 दिन तक रही। जब जैविक आयु, कालानुक्रमिक आयु से अधिक हो जाती है, तो संकेत मिलता है कि शरीर अधिक तेजी से क्षीण हो रहा है, जिससे दीर्घकालिक बीमारियों और समय से पहले मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों ने चेताया है कि यदि हीटवेव का प्रभाव दशकों तक जारी रहा तो इसका असर स्वास्थ्य पर अनुमान से कहीं ज्यादा विनाशकारी हो सकता है। लगातार बढ़ता तापमान डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे जीवनभर के लिए असर रह सकता है। यह प्रभाव धूम्रपान, शराब, खराब आहार या व्यायाम की कमी से होने वाले नुकसान जितना ही खतरनाक बताया गया है।

विश्व स्वास्थ्य पर गहरा असर

शोधकर्ताओं ने कहा कि हीटवेव का असर पूरी दुनिया में अरबों की आबादी पर पड़ रहा है। जैविक उम्र बढ़ने का सीधा संबंध बीमारियों और समयपूर्व मृत्यु से है। विशेष रूप से बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि जीवाश्म ईंधन के बढ़ते प्रयोग और जलवायु संकट की रफ्तार को देखते हुए आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव और भी गंभीर हो सकता है।

Published on:
28 Aug 2025 11:54 pm
Also Read
View All

अगली खबर