मृत्यु से सात दिन पहले कर चुका था फांसी लगाने का प्रयास, परिजनों ने प्रताड़ना और हत्या की जताई आशंका, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम
अजमेर(Ajmer News). तोपदड़ा स्थित अक्षय पात्र योजना की सेंट्रलाइज किचन के सामने छह दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिले युवक की आखिर पहचान हो गई। युवक की पहचान सीकर जिले के फतेहपुर क्षेत्र के अलफसर गांव निवासी राकेश कुमार(42) पुत्र रामकुमार जाट के रूप में हुई। राकेश खानाबदोश जीवन जीते हुए होटल-ढाबों और शादी समारोहों में तंदूर पर काम करता था।
गत 7 दिसंबर की सुबह एएसपीएफ के जवान ने सड़क किनारे युवक का शव मिलने की सूचना दी। पहचान नहीं होने पर क्लॉक टावर थाना पुलिस ने शव जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। एएसआई राजेन्द्र सिंह और हैडकांस्टेबल भरतसिंह ने मृतक की तस्वीर लेकर 5 दिनों तक शिनाख्त के प्रयास किए। इसके बाद परिजन तक सूचना पहुंची और शुक्रवार को शव की पहचान हो सकी।
पुलिस जांच में सामने आया कि 30 नवंबर को राकेश ने फांसी लगाने का प्रयास किया था, जिससे उसके गले पर निशान आए थे। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में फंदे से मौत की पुष्टि नहीं हुई। मेडिकल बोर्ड ने बताया कि मृत्यु का कारण फंदा नहीं है, जबकि पेट में अल्कोहल भी मिली है। पुलिस ने विसरा फोरेंसिक साइंस लेब को भेजा है, ताकि मृत्यु का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सके।
परिजन ने गले पर मिले निशानों को संदिग्ध बताते हुए हत्या या प्रताड़ना की आशंका जताई है। रिश्तेदार संजय कुमार ने आरोप लगाया कि राकेश पिछले तीन साल से परिवार से अलग रह रहा था और होटल में काम करते समय सम्भवतः प्रताड़ना का शिकार हुआ। परिजनों ने क्लॉक टॉवर थाना पुलिस को लिखित शिकायत देकर व्यापक जांच की मांग की।
क्लॉक टॉवर थाना पुलिस ने संदिग्ध हालात में मृत्यु का मामला दर्ज कर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया। जांच अधिकारी एएसआई राजेन्द्र सिंह ने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण सामने आएगा।