खंडवा रेलवे स्टेशन अत्याधुनिक तकनीक से लेस स्टेशन में शुमार होगा। मेनुअल इंटरलॉकिंग की जगह हाइटेक नान इंटरलाकिंग सिस्टम ने ली है। अब ट्रेनों का संचालन कम्प्यूटर माउस के एक क्लिक पर होगा। रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने पर अधिक जोर दे रहा है। इसके लिए प्लेटफार्म और ट्रेन रूट को ऑपरेट करने वाले बरसों पुराने […]
खंडवा रेलवे स्टेशन अत्याधुनिक तकनीक से लेस स्टेशन में शुमार होगा। मेनुअल इंटरलॉकिंग की जगह हाइटेक नान इंटरलाकिंग सिस्टम ने ली है। अब ट्रेनों का संचालन कम्प्यूटर माउस के एक क्लिक पर होगा।
रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने पर अधिक जोर दे रहा है। इसके लिए प्लेटफार्म और ट्रेन रूट को ऑपरेट करने वाले बरसों पुराने सिस्टम को बदलकर उसकी जगह अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। खंडवा स्टेशन पर मेनुअल तरीके से ट्रेनों का रूट अब तक ऑपरेट किया जा रहा है। करीब 25 साल पुराने इस सिस्टम को अब रेलवे ने अलविदा कह दिया है। इसकी जगह नान इंटरलाकिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। इसका काम तेज गति से चल रहा है। प्लेटफार्म नंबर छह के पास भवन तैयार किया गया हैं। इसमें कम्प्यूटर सहित अन्य हाईटेक मशीनरी लगाई जा रही है।
रेलवे ट्रेक पर पाइंट मशीन को अपग्रेड करने में रेलवे कर्मचारी लगे हुए हैं। नॉन इंटरलॉकिंग के तहत अलग-अलग ट्रेकों को आपस में जोड़ रहे हैं। ट्रेक को आधुनिक सिग्नल प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। इससे अब ट्रेन का संचालन मॉडन तरीके से कम्प्यूटर माउस से हो सकेगा। एक क्लिक पर ट्रेन ऑपरेट होगी। इस सिस्टम के बाद अब ट्रेन किसी ट्रेन के पीछे से आकर नहीं टकरा सकती। इससे दुर्घटनाएं होने की संभावना कम हो जाएगी।
नान इंटरलाकिंग सिस्टम का फायदा यह होगा की अब आवश्यकता पड़ने पर रेलवे अब प्लेटफार्म नंबर एक पर इटारसी की ओर जाने वाले किसी भी ट्रेन को ले सकेगा। इसी तरह से प्लेटफार्म नंबर दो पर भी भुसावल की ट्रेनों को लिया जा सकेगा। फिलहाल प्लेटफार्म नंबर एक पर केवल भुसावल और प्लेटफार्म नंबर दो पर इटारसी की ओर जाने वाली ट्रेन ही रुकती है।