गत दो शिक्षा सत्र के पात्र विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण प्रक्रिया के तहत इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी के संबंध में मांगा जा रहा विकल्प, वहीं शिक्षा सत्र 2021-22 से पहले के पात्र विद्यार्थियों को लैपटॉप की प्रतीक्षा, शिक्षा विभाग व राज्य सरकार ने होनहारों को भुलाया
हनुमानगढ़. आखिरकार दो से तीन बरस की प्रतीक्षा के बाद होनहार विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण की प्रक्रिया सिरे चढऩे लगी है। इसके तहत शिक्षा निदेशालय टेबलेट के साथ दिए जाने वाले नि:शुल्क इंटरनेट कनेक्शन के संबंध में विद्यार्थियों से इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी के संबंध में विकल्प मांग रहा है। मतलब कि नि:शुल्क इंटरनेट कनेक्शन को लेकर कनेक्टिविटी की उपलब्धता के आधार पर विद्यार्थी अपनी पसंद के नेटवर्क का चयन कर सकता है।
ऐसे में यह तय है कि अब शिक्षा सत्र 2021-22 तथा 2022-23 के मेधावी विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण की प्रक्रिया जल्दी अंजाम तक पहुंच जाएगी। मगर दूसरी तरफ शिक्षा सत्र 2021-22 से पहले के शिक्षा सत्र के होनहारों के लैपटॉप पूर्णत: खटाई में पड़ते नजर आ रहे हैं। क्योंकि अब तक शिक्षा विभाग तथा राज्य सरकार ने उनका सत्यापन ही नहीं करवाया है। ना ही अब टेबलेट वितरण की प्रक्रिया के दौरान उन वंचित विद्यार्थियों के बारे में कोई दिशा निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि 2021-22 से पहले के शिक्षा सत्र के मेधावी विद्यार्थियों को शायद ही लैपटॉप या टेबलेट मिले।
शिक्षा निदेशालय ने टेबलेट वितरण प्रक्रिया के तहत शाला दर्पण के जरिए पात्र विद्यार्थियों को दिए जाने वाले तीन साल के नि:शुल्क इंटरनेट कनेक्शन को लेकर कनेक्टिविटी की उपलब्धता के आधार पर नेटवर्क के संंबंध में जानकारी मांग रहा है। इसके लिए शाला दर्पण पर विकसित किए गए मॉड्यूल में विकल्प का इंद्राज करना होगा। विद्यार्थियों को अपने क्षेत्र में कनेक्टिविटी की उपलब्धता के आधार पर बीएसएनएल, जीओ, एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया में से एक नेटवर्क का चयन कर शाला दर्पण पर उसका इंद्राज करना होगा। हालांकि संस्था प्रधानों के समक्ष दिक्कत यह आ रही है कि टेबलेट वितरण में देरी के चलते पात्र विद्यार्थियों को पासआउट हुए कई वर्ष बीत गए हैं। वे अध्ययन के लिए अन्यत्र चले गए हैं। ऐसे में अपनी मर्जी से ही इंटरनेट संबंधी विकल्प का चयन करना होगा।
शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2019-20 से मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप/टेबलेट का वितरण नहीं हो सका है। राज्य सरकार ने विस चुनाव से पहले सत्र 2019-20 से लेकर 2023-24 तक टेबलेट वितरण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की थी। उसके आधार पर प्रदेश में वितरण किए जाने वाले टेबलेट की अनुमानित संख्या एक लाख बीस हजार नौ सौ के लगभग है। इस पर अनुमानित लागत 288.95 करोड़ रुपए आंकी गई थी। हालांकि वितरण अब तक शुरू नहीं हो सका है। अब सत्यापन केवल सत्र 2021-22 तथा 2022-23 की चयन सूचियों में प्रदर्शित अंकों का विद्यार्थी की अंक तालिका से मिलान कर किया गया है।
प्रदेश में वितरण किए जाने वाले टेबलेट की अनुमानित संख्या एक लाख बीस हजार नौ सौ के लगभग है। मगर राज्य सरकार ने होनहार विद्यार्थियों को लैपटॉप/टेबलेट वितरण की योजना को पैसा देने से इतना हाथ खींचा कि योजना ही पटरी से उतरी नजर आ रही है। क्योंकि बजट नहीं देने के कारण विद्यार्थियों को लैपटॉप का वितरण नहीं हो सका और साल दर साल बैकलॉग बढ़ता गया। प्रदेश में अभी 55 हजार से अधिक विद्यार्थियों को ही टेबलेट वितरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
पहले होनहारों को पहले लैपटॉप का वितरण किया जाता था। पिछली सरकार ने लैपटॉप की जगह टेबलेट का वितरण करना तय किया। मगर विद्यार्थियों को ना तो लैपटॉप मिले और ना ही बाद में तय किए गए टेबलेट मिल सके। विलम्ब के चलते ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि जिस होनहार को टेबलेट मिलना था, उसकी तो पढ़ाई ही पूरी हो गई या होनी वाली है। वर्ष 2019-20 से टेबलेट वितरण नहीं हो सका है मतलब जिस विद्यार्थी को 2019-20 में बारहवीं कक्षा के प्राप्तांक के आधार पर टेबलेट मिलना था, वह तो स्नोतकोत्तर डिग्री भी कर चुका होगा।
गत दो शिक्षा सत्र के चयनित विद्यार्थियों की जो सूची निदेशालय ने जारी की है, उसके हिसाब से हनुमानगढ़ जिले में सत्र 2021-22 में कुल 1072 को टेबलेट वितरण किया जाना है। इसमें कक्षा आठ के 304, दस के 374, प्रवेशिका के छह, कक्षा 12 कला के 222, कॉमर्स के 17 व विज्ञान के 138 तथा वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा के 11 विद्यार्थी शामिल हैं। इसी तरह 2022-23 में जिले में कुल 1124 को टेबलेट वितरण किया जाना है। इसमें कक्षा आठ के 330, दस के 411, प्रवेशिका के चार, कक्षा 12 कला वर्ग के 215, कॉमर्स के 14 तथा विज्ञान के 147 एवं वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा के तीन विद्यार्थी शामिल हैं।
एडीईओ माध्यमिक रणवीर शर्मा ने बताया कि टेबलेट वितरण के लिए सत्र 2021-22 तथा 2022-23 की चयन सूची का सत्यापन कर रिपोर्ट निदेशालय को भिजवाई जा चुकी है। विद्यार्थियों को नि:शुल्क इंटरनेट के संबंध में नेटवर्क का चयन कर विकल्प भरवाने की प्रक्रिया भी सम्पन्न करवा दी गई है।