गुजरात के वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलूभाई बेरा ने अधिकारियों के साथ राज्य में वन नेशन वन ट्रांजिट पास का वेब पोर्टल-मोबाइल एप लांच किया। इसके जरिए वन उत्पादों का परिवहन होगा आसान हो जाएगा।
गांधीनगर. देश में वन उत्पादों को लाने- ले जाने में आसानी और गति लाने के लिए 'वन नेशन, वन ट्रांजिट पास' सिस्टम लागू किया गया है। गुजरात में भी इस सिस्टम के तहत अंतरराज्यीय वन उत्पादों के परिवहन के लिए ई-वाहतुक पास लागू किया गया है। ऐसा होने से व्यापार और परिवहन में अधिक गति-पारदर्शिता आएगी। साथ ही किसानों-व्यापारियों की आय बढ़ेगी। वन और पर्यावरण मंत्री मुलु बेरा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
वन मंत्री की अध्यक्षता और वन राज्य मंत्री मुकेश पटेल की उपस्थिति में मंगलवार को गांधीनगर से केंद्र की 'राष्ट्रीय परिवहन पास' प्रणाली के लिए डेस्कटॉप आधारित वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन का गुजरात में कार्यान्वयन किया गया।
वन मंत्री बेरा ने कहा कि जब एक राज्य से दूसरे राज्य में वन उत्पाद ले जाया जाता है तो बॉर्डर-चेकपोस्ट पर संबंधित राज्य के नियमों के अनुसार शुल्क वसूल कर नए सिरे से ट्रांजिट पास जारी करने की सिस्टम लागू थी। प्रत्येक राज्य के नियम एवं ट्रांजिट पास शुल्क और आधिकारिक भाषा अलग-अलग होने के कारण वन उत्पादों के वाहतुक में बाधा उत्पन्न होती थी। इन प्रशासनिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 'वन नेशन, वन ट्रांजिट पास' के उद्देश्य से 'राष्ट्रीय परिवहन पास प्रणाली' की शुरुआत की गई है। यह सिस्टम निजी भूमि, सरकारी, निजी डिपो और अन्य वन उत्पादों का अंतरराज्यीय और अंतर राज्य परिवहन के लिए ट्रांजिट पास की निगरानी और रिकॉर्ड रखने में मदद करता है।
वन मंत्री ने राष्ट्रीय ट्रांजिट पास सिस्टम की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया कि यह डेस्कटॉप आधारित वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन के रूप में उपलब्ध है। इसके जरिए अधिकृत वन उत्पादों के लिए ट्रांजिट पास या मुक्त प्रजातियों के लिए आपत्ति प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन किया जा सकता है। किसान मित्रों की ओर से निजी भूमि पर उगाई जाने वाली प्रजातियों के लिए आसानी से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस अवसर पर वन विभाग के प्रधान सचिव रमेश मीणा, हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स यू. डी. सिंह समेत उच्च अधिकारी उपस्थित थे।