major tourism destinationनरसिंहपुर. आगामी जनवरी में लगने वाले जिले के प्रमुख मकर संक्रांति मेले की पूर्व तैयारियां का जायजा लेने बुधवार को कलेक्टर रजनी सिंह ने अमले के साथ दौरा किया। पत्रिका ने बुधवार के अंक में ही बरमान संक्रांति मेला- प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, उपेक्षा से जूझता पारंपरिक आयोजन शीर्षक से खबर का प्रकाशन […]
major tourism destinationनरसिंहपुर. आगामी जनवरी में लगने वाले जिले के प्रमुख मकर संक्रांति मेले की पूर्व तैयारियां का जायजा लेने बुधवार को कलेक्टर रजनी सिंह ने अमले के साथ दौरा किया। पत्रिका ने बुधवार के अंक में ही बरमान संक्रांति मेला- प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, उपेक्षा से जूझता पारंपरिक आयोजन शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। जिसमें बताया था कि जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश की प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान के रूप में ख्यात बरमान के मकर संक्रांति मेले के बीते कई वर्षो से किस तरह उपेक्षा की जाती रही है। जिसके कारण मेले का स्वरूप विकसित नहीं हो पा रहा है। निरीक्षण करने पहुंची कलेक्टर ने अमले को निर्देश दिए कि मेला स्थल पर आवश्यक बेहतर व्यवस्थाएं, सुंदर घाट और सुरक्षित मेला और नर्मदा तट को एक प्रमुख टूरिज़्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना बनाएं। इससे नरसिंहपुर जिले का ग्राम बरमानकलां धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सके।
नर्मदा के रेतघाट बरमानखुर्द मेलास्थल पर यूं तो वर्ष भर श्रद्धालुओं की आवाजाही होती है, दुकानें लगी रहती हैं। लेकिन मकर संक्रांति मेला में देश के विभिन्न प्रांतों से व्यापारी-सैलानी आते हैं। पत्रिका की खबर के बाद मेला स्थल पहुंची कलेक्टर सिंह ने मेले की पूर्व तैयारियों का जायजा लिया। निर्देशित किया कि बरमान में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। नर्मदा नदी की गहराई वाले हिस्सों में बैरिकेडिंग व सांकेतिक चिन्ह लगाने के निर्देश दिए। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत गजेन्द्र सिंह नागेश, एसडीएम गाडरवारा कलावती ब्यारे व अन्य अमला मौजूद रहा।
नवीन घाटों का निर्माण करने तैयार करें प्रस्ताव
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि मेले की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से नर्मदा नदी के बरमानकलां, बरमानखुर्द एवं आसपास के ग्रामों में नवीन घाटों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करें। मेले का आकर्षण बढ़ाने वर्तमान घाटों की रंगाई- पुताई, साफ- सफाई और सौंदर्यीकरण किया जाएगा, ताकि आने वाले श्रद्धालु सिर्फ आस्था ही नहीं, बल्कि नर्मदाजी की सुंदरता का भी अनुभव कर सकें।