मानसून के पहले चरण में औसत बरसे मेघ 3 अगस्त से बारिश का तंत्र सक्रिय होने के संकेत जयपुर समेत कई जिलों में आज बारिश संभव
मानसून के पहले चरण में औसत बरसे मेघ
3 अगस्त से बारिश का तंत्र सक्रिय होने के संकेत
जयपुर समेत कई जिलों में आज बारिश संभव
जयपुर। प्रदेश में दक्षिण पश्चिमी मानसून का पहला चरण लगभग पूरा हो गया है। तीन- चार जिलों को छोड़कर प्रदेश के अधिकांश जिलों में अब तक सामान्य या उससे अधिक बारिश हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ आगामी तीन अगस्त से मानसून का दूसरा चरण शुरू होने की संभावना है। फिलहाल बारिश के थमे दौर से आमजन उमस से पस्त है। आसमान में बादलों की आवाजाही रहने पर भी अनुकूल परिस्थितियां नहीं बनने पर मेघ मेहरबान नहीं हो रहे हैं। मौसम विभाग ने आज जयपुर समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस बार प्रथम चरण के बाद प्रदेश में बारिश का दूसरा दौर थोड़ा सुस्त रहने की आशंका है। माना जा रहा है कि आगामी तीन अगस्त से मानसूनी बारिश का दूसरा दौर शुरू होने की उम्मीद है वहीं आगामी 15 से 25 अगस्त के मध्य तक अनुकूल परिस्थितियां बनने पर कई जिलों को मानसून तर कर सकता है। फिलहाल प्रदेश के दक्षिण पूर्वी इलाकों में सक्रिय परिसंचरण तंत्र के प्रभाव से मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य की सीमा से सटे जिलों में मानसून की सक्रियता सर्वाधिक रही है। पिछले 24 घंटे में बांसवाड़ा, जालोर और सिरोही जिले के कई इलाकों में हल्की से मध्यम तो कहीं भारी बारिश दर्ज की गई है।
प्रदेश में मानसूनी मेघों की आवाजाही रहने पर भी मेघ मेहरबान नहीं हो रहे हैं। पूर्वी पाकिस्तान से आ रही गर्म हवाएं बादलों को धकेल रही हैं जिसके चलते कम वायुदाब क्षेत्र सक्रिय नहीं होने पर राहत की बारिश होने का इंतजार लगातार बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के आकलन के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कम वायुदाब क्षेत्र से गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत कई जिलों में झमाझम बारिश का दौर सक्रिय है। वहीं आगामी दिनों में प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने पर प्रदेश के कई जिलों में भी बारिश होने के आसार हैं।
पिछले चौबीस घंटे में बांसवाड़ा जिले में सल्लोपाट 84, कुशलगढ़ 81, जालोर में जसवन्तपुरा 80, सिरोही जिले में श्योगंज 72, रेवदर 50, और अंगोर में 42 मिमी बारिश दर्ज की गई। उदयपुर जिले में खेरवाड़ा 62, ऋषभदेव 51 और बाबलवाड़ा में 45 मिमी बारिश मापी गई।