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ग्रामीण सेवा शिविर से संवरेगा अनाथ भाई व बहन का भविष्य, मदद को आगे आया प्रशासन

बच्चों के माता-पिता आठ माह पहले चल बसे

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Sep 29, 2025
आबूरोड. निकटवर्ती गणका में माता-पिता खो चुके बच्चों के साथ ग्रामीण व अधिकारी

आबूरोड. प्रदेश सरकार की ओर से चलाए जा रहे ग्रामीण सेवा शिविर उन लोगों व बच्चों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं, जिनके हालात के बारे में अब तक सभी अनभिज्ञ थे। आबूरोड ब्लॉक की गणका पंचायत में शनिवार को शिविर में आए अनाथ बच्चों से संबंधित मामले को जानकर अधिकारी भी चौंक गए। प्रशासन ने शिविर में ही बच्चों को वो सभी सुविधाएं मुहैया करवाने के निर्णय लिए, जिनसे उनका भविष्य उज्जवल हो सके।

कालबेलिया परिवार कर रहा था परवरिश :

उपखंड अधिकारी शंकरलाल मीणा ने बताया कि गणका पंचायत की डामरों की फली में रह रहे उत्तर-प्रदेश निवासी रामावतार व काजल के माता-पिता का करीब आठ महीने पूर्व निधन हो गया। पड़ौस मेें रह रहा एक कालबेलिया परिवार दोनों भाई-बहन का भरण-पोषण कर रहा है। काजल ने सातवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। रामावतार छठी में पढ़ रहा है। दोनों बच्चों को सरकार और भामाशाहों के सहयोग से हर संभव मदद दिलवाई जाएगी। बाल संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। थानाधिकारी हरचंदराम देवासी ने भी बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर नियमित मॉनिटरिंग व उनके संपर्क में रहने का भरोसा दिलाया है।

बच्चों की काउंसलिंग :

उपखंड अधिकारी मीणा के निर्देशन में थानाधिकारी हरचंदराम, सीडीपीओ योशिता कल्ला, पुलिस विभाग की कालिका पेट्रोलिंग टीम की महिला कांस्टेबल सुलोचना, कमला, सुगना, सुंदर, एएनएम दुर्गा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बच्चों की काउंसलिंग की। मौके पर ही उन्हें आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई गई। बालिका को दसवीं का फार्म भरने के लिए प्रेरित किया, जिस पर वह राजी हो गई। कालिका टीम ने राजकोप सिटीजन एप व गरिमा हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी।

आंसू छलक गए

शिविर में उपखंड अधिकारी शंकरलाल मीणा को जब बच्चों के बारे में पता चला वे उनसे रूबरू हुए। उनकी बातें सुन व कालबेलिया परिवार की महिला के ममत्व को देख उनकी आंख से आंसू निकल पड़े। बच्चों ने रोते हुए उपखंड अधिकारी से परिवार से अलग नहीं करने का आग्रह किया।

Published on:
29 Sept 2025 03:38 pm
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