ग्वालियर। इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) से बस संचालन शुरू हुए दो दिन हो गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिखा। मंगलवार को भी यहां सन्नाटा पसरा रहा। भिंड और मुरैना रूट की केवल 16 बसें ही रोडवेज बस स्टैंड से सवारियां लेकर आईएसबीटी पहुंचीं, वो भी महज 5 से 10 मिनट रुकने के बाद फिर गंतव्य की ओर रवाना हो गईं।
ग्वालियर। इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) से बस संचालन शुरू हुए दो दिन हो गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिखा। मंगलवार को भी यहां सन्नाटा पसरा रहा। भिंड और मुरैना रूट की केवल 16 बसें ही रोडवेज बस स्टैंड से सवारियां लेकर आईएसबीटी पहुंचीं, वो भी महज 5 से 10 मिनट रुकने के बाद फिर गंतव्य की ओर रवाना हो गईं।
जैसा सोमवार को हुआ था, वैसे ही मंगलवार को भी न तो कोई यात्री आईएसबीटी से बस में चढ़ा और न ही कोई बस यहां से विशेष रूप से रवाना हुई। इस तरह दूसरे दिन भी आईएसबीटी से एक भी यात्री सवार नहीं हुआ।
रोडवेज यूनियन का विरोध बरकरार
रोडवेज यूनियन का आईएसबीटी से संचालन को लेकर विरोध दूसरे दिन भी जारी रहा। यूनियन के पदाधिकारी सभी बसों को नए टर्मिनल पर शिफ्ट करने की मांग पर अड़े रहे। उनका कहना है कि भिंड–मुरैना रूट को छोड़कर अन्य रूटों की बसों को शिफ्ट करना फिलहाल संभव नहीं है।
प्रशासन ने सोमवार को दावा किया था कि 52 बसें आईएसबीटी पहुंची थीं, लेकिन मंगलवार को यह संख्या घटकर सिर्फ 16 रह गई।
आईएसबीटी रूट पर नहीं दिखे टेम्पो-ई रिक्शा
आईएसबीटी के रूट पर मंगलवार को भी न तो टेम्पो, ऑटो और न ही ई-रिक्शा दिखे। सवारियां और बस चालक दोनों ही इस रूट पर परिवहन सुविधा के अभाव की शिकायत करते नजर आए।
इस बीच टर्मिनल परिसर में मुख्य गेट और बाहरी प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य जारी रहा। सफाई कर्मी भी परिसर को व्यवस्थित करने में जुटे रहे।
आईएसबीटी में मंगलवार को करीब 16 बसें पहुंचीं, जो पांच से दस मिनट ही रुकीं। वहां से किसी भी बस को सवारी नहीं मिली।
बलवीर सिंह तोमर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, रोडवेज यूनियन बस ऑपरेटर