स्वीडन के उत्तरी शहर कीरूना में स्थित 113 साल पुराना लकड़ी से बना विशाल लूथरन चर्च, जमीन धंसने के खतरे के चलते नुकसान से बचाने के लिए स्थानांतरित किया जा रहा है। मंगलवार सुबह धार्मिक अनुष्ठान के बाद चर्च को 5 किमी दूर नए स्थान पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हुई। 1912 में बने […]
स्वीडन के उत्तरी शहर कीरूना में स्थित 113 साल पुराना लकड़ी से बना विशाल लूथरन चर्च, जमीन धंसने के खतरे के चलते नुकसान से बचाने के लिए स्थानांतरित किया जा रहा है। मंगलवार सुबह धार्मिक अनुष्ठान के बाद चर्च को 5 किमी दूर नए स्थान पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हुई। 1912 में बने इस चर्च को, जिसे स्वीडन के 1950 से पहले निर्मित सबसे सुंदर भवनों में गिना जाता है, विशाल ट्रेलरों और स्टील बीम पर धीरे-धीरे खिसकाकर नए शहर में पहुंचाया जाएगा। हजारों लोग इस अनोखे पल के गवाह बने। स्थानांतरण की प्रक्रिया लगभग दो दिन चलेगी। दरअसल, एक सदी से भी ज्यादा समय से चल रहे लौह अयस्क खनन के कारण जमीन में बनी दरारों से पुराना सिटी सेंटर धंस सकता है। कई दशकों से चल रहे एक विशाल अभियान में, यों तो आर्कटिक सर्कल से 145 किलोमीटर उत्तर में स्थित समूचा किरुना शहर स्थानांतरित किया जा रहा है, पर स्थानीय लोगों के लिए चर्च का स्थानांतरण इन सभी में सबसे शानदार और प्रतीकात्मक क्षण रहा। राज्य के स्वामित्व वाली खनन कंपनी एलकेएबी द्वारा संचालित लौह अयस्क की खदान जमीन को कमजोर कर रही है, जिससे शहर का अस्तित्व खतरे में है।
कुल लागत: 500 मिलियन क्रोनर (39 मिलियन पाउंड)
चर्च की ऊंचाई: 35 मीटर (115 फीट)
चौड़ाई: 40 मीटर
वजन: 672 टन
निर्माण वर्ष: 1912
स्थानांतरण दूरी: 5 किमी
गति: आधा किलोमीटर प्रति घंटा अधिकतम (पहले घंटे में केवल 30 मीटर)
स्थानांतरण की समयावधि: 2 दिन
पूरे शहर के पुनर्वास पर खर्च: 10 बिलियन क्रोनर (1 बिलियन डॉलर, 737 मिलियन पाउंड)
विशेष तैयारी: खंभे आदि हटाकर सड़क की चौड़ाई 24 मीटर की गई