Model code of conduct
चेन्नई. तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के 50 दिन बीत जाने के बावजूद राज्य के विकास कार्य ठप पड़े हैं। दरअसल 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू हुई थी। इसके बाद अब 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे और उसके बाद आदर्श आचार संहिता समाप्त होगी। ऐसे में आचार संहिता हटने के बाद सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यही होगी कि जो विकास कार्य ठप पड़े हैं, उन विकास कार्यों पर विशेष फोकस किया जाए।
वहीं आम आदमी को आचार संहिता की आड़ लेकर कर्मचारी-अधिकारी टरका भी रहे हैं। हालांकि अधिकारी आचार सहिता के चलते रोजमर्रा के कार्य बाधित नहीं होने की बात कह रहे हैं, लेकिन कार्मिकों के लिए काम नहीं करने का बहाना आचार संहिता ज्यादा बनी हुई है। नगर निगम, शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, सहित अन्य कार्यालय में कर्मचारी आते तो हैं लेकिन दूसरे कामों में व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। आदर्श आचार संहिता के चलते विकास कार्यों का पहिया रुका हुआ है। करोड़ों रुपए की योजनाओं और विकास कार्यों के लिए अभी करीब एक महीना का इंतजार करना होगा। नगर निगम, लोक निर्माण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के विकास कार्य रुकने से लोगों को परेशानी हो रही है।
147 स्कूलों का होगा अपग्रेडेशन
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से अपने अतंर्गत आने वाले स्कूलों का अपग्रेड का काम रोक दिया है। जीसीसी के संयुक्त शिक्षा आयुक्त शरण्या अरी के अनुसार, जीसीसी 9 जोन में अपने 147 स्कूलों को अपग्रेड कर रहा है। नगर निकाय के अंतर्गत 15 जोन में 420 स्कूल हैं। तिरुवत्तीयूर, मनली, माधावरम, तंडियारपेट, रायपुरम, तिरु विका नगर जोन और पेरुंगुडी और शोलिंगनल्लूर के विस्तारित क्षेत्रों में 147 निगम स्कूलों में निर्माण कार्य विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत धन के साथ लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद किया जाना है।
लोगों के अधिकार होते हैं प्रभावित
तमिलनाडु एसोसिएशन ऑफ कॉटेज एंड माइक्रो एंटरप्राइजेज (टीएसीटी) के अध्यक्ष जे. जेम्स ने मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) सत्यब्रत साहू से तमिलनाडु में आदर्श आचार संहिता में ढील देने की अपील की है। जे. जेम्स ने कहा कि 80 दिनों की आदर्श आचार संहिता अवधि तक राज्य में लोग अपनी शिकायतें सरकार के सामने नहीं रख पाएंगे और सरकार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हो जाएगी। इससे लोगों के अधिकार प्रभावित होते हैं। जनता और सरकार किसी भी मुद्दे पर एक साथ काम नहीं कर पाएंगे।
राजनीतिक दल हो रहे हैं प्रभावित
चुनाव आयोग द्वारा जारी आचार संहिता से सबसे ज्यादा राजनीतिक दल प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेस के पी. चिदम्बरम और डीएमके सांसद पी. विल्सन जैसे राजनेताओं ने चुनाव आयोग से तमिलनाडु में प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि लम्बे समय से आदर्श आचार संहिता लागू रहने से सरकार की योजनाएं प्रभावित होती हैं। आचार संहिता लागू होते ही नेता या अधिकारी सार्वजनिक उद्घाटन या शिलान्यास नहीं कर सकता। इसके साथ ही नए कामों की स्वीकृति भी नहीं दी जा सकेगी।
मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
एक स्थानीय पेंटर षणमुगम ने बताया कि आचार संहिता के बाद मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। इससे उनके लिए परिवार का खर्च चला पाना मुश्किल हो गया है। एक अन्य मजदूर पीडब्ल्यू विभाग के कॉन्टैक्टर से जुड़ा है लेकिन निर्माण कार्य ठप होने से उसकी आय रुक गई है।
विकास कार्य चलते रहने चाहिए
वेपेरी के एक स्थानीय निवासी शिवाजी ने बताया कि बिजली, पानी, समेत अन्य विकास कार्य चलते रहने चाहिए। वहीं अगर कोई बड़ा कदम उठाना है तो सरकार को निर्वाचन आयोग से परमिशन लेनी होती है, ताकि आदर्श आचार संहिता की वजह से जनहित के मुद्दे और कार्य प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आदर्श आचार संहिता अपनी जगह पर है और विकास कार्य अपनी जगह पर हैं।