Barman Makar Sankranti fairनरसिंहपुर. आगामी जनवरी माह में लगने वाले बरमान के मकर संक्रांति मेले को लेकर जिला प्रशासन ने पत्रिका की खबर के बाद तैयारियां तेज कर दी हैं। कलेक्टर एवं मेला समिति की अध्यक्ष रजनी सिंह ने मेले की प्रारंभिक तैयारियां करने संबंधी एक महत्वपूर्ण बैठक 10 दिसंबर को सुबह 11 बजे से […]
Barman Makar Sankranti fairनरसिंहपुर. आगामी जनवरी माह में लगने वाले बरमान के मकर संक्रांति मेले को लेकर जिला प्रशासन ने पत्रिका की खबर के बाद तैयारियां तेज कर दी हैं। कलेक्टर एवं मेला समिति की अध्यक्ष रजनी सिंह ने मेले की प्रारंभिक तैयारियां करने संबंधी एक महत्वपूर्ण बैठक 10 दिसंबर को सुबह 11 बजे से विश्राम गृह बरमान कला में बुलाई है। संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि मेला संबंधी जानकारी सहित बैठक में मौजूद रहें। बैठक में सचिव मेला समिति एवं सीईओ जनपद चांवरपाठा द्वारा मेला आयोजन संबंधी जानकारी को बैठक में विस्तार से रखा जाएगा। लोगों का कहना है कि बरमान मेला को भव्य स्वरुप देने कलेक्टर ने जिस तरह से मेला स्थल का निरीक्षण कर निर्देश दिए हैं उससे उम्मीद बढ़ रही है कि इस बार मेले का स्वरुप बीते सालों से बेहतर रहेगा। लेकिन इसके लिए प्रशासन को नर्मदा क्षेत्र के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का रोडमैप तैयार कराने के साथ ही इन स्थानों की ब्रांडिंग कराने भी पहल करना होगी। जिससे मेले में बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों-सैलानियों को इन महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी मिल सके। मेले में दुकानें लगाने के लिए व्यापारियों का रूझान बढ़े, लोगों की आवक अच्छी रहे साथ ही सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध रहें इसके लिए भी प्रयास होना चाहिए। क्योंकि मेला संबंधी बैठक तो हर साल होती है लेकिन जनभावनाओं के अनुरूप मेले को स्वरुप नहीं मिल पाता है।कलेक्टर रजनी सिंह ने भी अधिकारियों के साथ मेला स्थल का निरीक्षण किया था। कलेक्टर ने नर्देश दिए हैं कि मेला स्थल पर आवश्यक बेहतर व्यवस्थाएं, सुंदर घाट और सुरक्षित मेला और नर्मदा तट को एक प्रमुख टूरिज़्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना बनाएं। इससे नरसिंहपुर जिले का ग्राम बरमानकलां धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सके। बरमान मेला ऐतिहासिक रूप से समृद्ध है, नर्मदा के दोनों तटों पर कई धार्मिक-ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं। जिससे यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं-सैलानियों का आगमन होता है। संक्रांति मेला शुरू होने के एक पखवाड़े पहले से ही यहां मेला स्थल पर लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है, नर्मदा प्रकटोत्सव तक यहां हजारों श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है।