आइसीएमआर: पायलट परीक्षण हुआ सफल नई दिल्ली. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने अपनी ‘आइ-ड्रोन’ पहल के तहत ड्रोन के माध्यम से मानव कॉर्निया और अन्य नेत्र ऊतकों को तेजी से अस्पतालों तक पहुंचाने के पायलट अध्ययन में सफलता हासिल की है। इससे नेत्र प्रत्यारोपण को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। दरअसल, कॉर्निया […]
आइसीएमआर: पायलट परीक्षण हुआ सफल
नई दिल्ली. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने अपनी ‘आइ-ड्रोन’ पहल के तहत ड्रोन के माध्यम से मानव कॉर्निया और अन्य नेत्र ऊतकों को तेजी से अस्पतालों तक पहुंचाने के पायलट अध्ययन में सफलता हासिल की है। इससे नेत्र प्रत्यारोपण को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
दरअसल, कॉर्निया का समय पर अस्पताल पहुंचना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इसकी गुणवत्ता समय के साथ घटती है। यदि ऊतक सही समय पर न पहुंचे, तो प्रत्यारोपण असफल हो सकता है। इसीलिए आइसीएमआर ने एम्स नई दिल्ली और डॉ श्रॉफ चेरिटी आई हॉस्पिटल के साथ मिलकर एक अध्ययन किया, जिसमें प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं के लिए मानव कॉर्निया और एमनियोटिक झिल्ली ग्राफ्ट जैसे संवेदनशील बायोमटीरियल को लाने-ले जाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना का आकलन किया गया। ड्रोन ने डॉ श्रॉफ चेरिटी आई हॉस्पिटल (सोनीपत केंद्र) से कॉर्निया के ऊतकों को राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ), एम्स झज्जर और उसके बाद एम्स नई दिल्ली तक सफलता के साथ पहुंचाया। आइसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि आइ-ड्रोन की शुरुआत कोविड-19 के दौरान हुई थी।