रील पर रौल जमाने का चस्का अपराधी बना रहा है । इस खेल में पेशेवर गुंडों से लेकर नादान तक शामिल हैं।
रील पर रौल जमाने का चस्का अपराधी बना रहा है । इस खेल में पेशेवर गुंडों से लेकर नादान तक शामिल हैं। नाबालिगों में इस फितूर ने पुलिस को भी परेशान कर रहा है । उसकी नजर में सोशल मीडिया पर रील में हनक दिखाने की ललक छोटी उम्र में बडे अपराध करा रही है। सोशल मीडिया पर पर लाइक, कमेंट और खुद को दबंग दिखाने की ललक में गाहे बगाए अपराधियों की गिनती बढ़ रही है। मोबाइल की स्क्रीन पर खुद को गुंडा बताने वालों को ढूंढकर पुलिस कसती तो है लेकिन इस चलन को रोकने का तरीका नहीं ढूंढ पाई है।
पुलिस अधिकारी कहते हैं सोशल मीडिया को अपराधी अपनी हनक जमाने का हथियार बना रहे हैं दरअसल अपराधियों की थ्योरी है सोशल मीडिया पर कटटे, तमंचे दिखाकर और फायरिंंग का वीडियो दर्ज करेंगे तो अपराध करे बिना उनकी दहशत पनपेगी। इसलिए पेशेवर अपराधियों से लेकर नौसिखिए गुंडे बदमाश भी परिपाटी में उतर गए हैं। कई नाबालिग तो नादानी में स्क्रीन पर रंगबाजी के शो में अपराधी बन गए हैं। इस हरकत पर पुलिस ने उन्हें नापा है। पुलिस के हाथ आने पर नाबालिगों ने खुलासे किए हैं उन्हें नहीं पता था कि कटटे तमंचे के साथ फोटो खिंचाना भी अपराध है। सोशल मीडिया पर ऐसी रील देखी तो उसकी कॉपी की है।
ज्यादातर लोग मानते हैं कि सोशल मीडिया पर रील बनाकर आसानी से प्रसिद्धि और पैसा कमाया जा सकता है। इस ललक में ऊल जुलूल वीडियो और फोटो पोस्ट करते हैं। पेशेवर अपराधी तो प्लानिंग से इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं। जबकि नाबालिग और समझदार भी सामान्य होते हुए भी सोशल मीडिया पर खुद को रंगबाज के तौर पर दिखाने के लिए हथियारों के साथ अपने वीडियो पोस्ट करते हैं। यह नही समझते कि उनकी हरकत अपराध की श्रेणी में आएगी। यह चलन लगातार बढ़ रहा है। हालांकि साइबर पुलिस शिक्षण संस्थाओं में जाकर बताती है कि सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करो इसमें लापरवाही एकाउंट होल्डर को नुकसान और गलत कदम जेल भी सकता है। लेकिन जिस तेजी से सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है उससे जाहिर है कि लोगों को सोशल मीडिया के बारे में जागरुकता की बेहद जरुरत है।
दीपक भार्गव रिटायर्ड सीएसपी