जिले में 15 केन्द्रों पर होगी एनएमएमएस परीक्षा, परीक्षार्थी संख्या में प्रदेश के अग्रणी जिलों में हनुमानगढ़ शामिल, जिले से चार हजार से अधिक विद्यार्थी होंगे परीक्षा में शामिल, चयनित विद्यार्थियों को कक्षा नौ से बारहवीं तक मिलती है छात्रवृत्ति, हर साल मिलते हैं 12 हजार रुपए
हनुमानगढ़. विद्यार्थियों में एक परीक्षा पास कर लगातार चार साल तक छात्रवृत्ति हासिल करने की चाह बढ़ रही है। इसके चलते विद्यार्थियों की एनएमएमएस मतलब नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप परीक्षा को लेकर साल दर साल रूचि बढ़ती जा रही है। इस साल परीक्षा में जिले से चार हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे। जबकि कुछ बरस पहले तक यह संख्या इससे कम रहती थी। प्रदेश की बात करें तो एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए पंजीयन करवा रखा है।
जिले में एनएमएमएस परीक्षा के लिए इस बार 15 केन्द्र बनाए गए हैं। इसके लिए परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र जारी किए जा चुके हैं। परीक्षा का आयोजन 19 जनवरी को किया जाएगा। जिला मुख्यालय पर दो परीक्षा केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इनमें राबाउमावि जंक्शन तथा राउमावि टाउन शामिल है। इसके अलावा राबाउमावि व राउमावि रावतसर, राबाउमावि व राउमावि पीलीबंगा, राउमावि संगरिया, राउमावि गोलूवाला, राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल टिब्बी, राउमावि व राबाउमावि नोहर, राउमावि भूकरका, राउमावि चक सरदारपुरा, राउमावि परलीका तथा राउमावि रामगढ़ में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है।
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एसआईटीआरटी) की ओर से 19 जनवरी को एनएमएमएस परीक्षा आयोजित की जाएगी। अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र परिषद ने जारी कर दिए हैं। अभ्यर्थी शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यालय लॉगिन से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। बिना प्रवेश पत्र किसी भी छात्र को परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
एडीईओ माध्यमिक मुख्यालय रणवीर शर्मा ने बताया कि संबंधित संस्था प्रधान शाला दर्पण से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर विद्यार्थी का फोटो व हस्ताक्षर करवाएंगे। परीक्षा भवन में मूल प्रवेश पत्र लेकर जाने वाले परीक्षार्थी को ही प्रवेश दिया जाएगा। स्कूलों में मध्यावधि अवकाश शुरू हो गया है। इसलिए आवश्यक होने पर प्रवेश पत्र संबंधी कार्य अवकाश के दौरान भी निपटाना पड़ सकता है। क्योंकि प्रवेश पत्र डाउनलोड व उस पर हस्ताक्षर के अभाव में कोई विद्यार्थी परीक्षा से वंचित रहा तो संबंधित संस्था प्रधान की जिम्मेदारी होगी।
इस स्कॉलरशिप एग्जाम में चयनित होने वाले प्रदेश के करीब साढ़े पांच हजार विद्यार्थियों को कक्षा नौवीं से 12वीं तक कुल 48 हजार रुपए की स्कॉलरशिप का लाभ मिलेगा। इसलिए भी विद्यार्थियों में परीक्षा के प्रति चाह बढ़ रही है।