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सरकार ने कलेक्टर से पूछा आदिवासी बहुल ग्रामों में विकास की प्रगति, ब्लाकों से रिपोर्ट तलब

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्रामों में विकास कार्यों के क्रियान्वयन खराब परफार्मेंस को लेकर ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायतों के कार्य पालन अधिकारियों से वर्तमान स्थिति का प्रतिवेदन मांगा है। कलेक्टर ने ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को तीस दिसंबर तक कार्य पूर्ण करने की दी डेडलाइन, कर्मचारियों को भेजकर विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन करा रहा है।

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Dec 12, 2024
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्रामों में योजनाओं की धीमी प्रगति की पत्रिका ने खबर प्रकाशित तो सरकार ने संज्ञान में लेकर कलेक्टर से पूछताछ की हैै। मामले में कलेक्टर ने जिला पंचायत सीइओ और ब्लाक अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्रामों में विकास कार्यों के क्रियान्वयन खराब परफार्मेंस को लेकर ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायतों के कार्य पालन अधिकारियों से वर्तमान स्थिति का प्रतिवेदन मांगा है। कलेक्टर ने ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को तीस दिसंबर तक कार्य पूर्ण करने की दी डेडलाइन, कर्मचारियों को भेजकर विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन करा रहा है।

क्षेत्रीय आला अफसर भी सक्रिय हुए

आदिवासी बहुल क्षेत्र के प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्रामों में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन बेपटरी का मामला भोपाल पहुंचा है। शासन ने मामले को संज्ञान में लिया तो क्षेत्रीय आला अफसर भी सक्रिय हुए। कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने एक दिन पहले प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्रामों में विकास कार्यों के क्रियान्वयन खराब परफार्मेंस को लेकर ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायतों के कार्य पालन अधिकारियों से वर्तमान स्थिति का प्रतिवेदन मांगा है। इधर, कलेक्टर ने जनजातीय कार्य विभाग से भी रिपोर्ट तलब की है। मामले में जनजातीय कार्य विभाग ने भी अपने कर्मचारियों को भेजकर विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन करा रहा है।

ये है मामला

वित्तीय वर्ष में 2021-22 प्रधानमंत्री आदि आदर्श योजना के तहत 221 ग्रामों में में 630 विकास कार्यों को हरी झंडी दी है। इसमें 229 कार्य पूर्ण का दावा है। 359 विकास कार्य अपूर्ण हैं। योजनाओं पर 44 करोड़ रुपए दो साल में खर्च नहीं कर सके। सबसे खराब स्थिति खालवा की है।

पत्रिका ने उठाया मुद्दा

पत्रिका ने ‘ आदिवासी बहुल ग्रामों में दो साल से विकास पर खर्च नहीं कर सके 44 करोड़ रुपए, 359 कार्य अधूरे ’ शीर्षक पर प्रमुखता से मुद्दा उठाया तो जिम्मेदार जागे। मामला शासन स्तर पर पहुंचा है। जनजातीय कार्य विभाग मध्य प्रदेश शासन के पीएस ने मामले की रिपोर्ट मांगी है। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीइओ को मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी है।इपीएस लगाएं

Published on:
12 Dec 2024 02:38 pm
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