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पीडि़त की मांग : रईसजादे के घर पर बुल्डोजर चले, ऐसी सजा मिले कि गलती दोहराने की जुर्रत न कर सके

धन-दौलत के नशे में चूर रईसजादे ने मेरी मां, भाई और भतीजी की जान ले ली। पुलिस सख्ती की जगह लगातार उसे बचाने का प्रयास कर रही है, आरोपी को हवालात में सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं। हमारे हंसते-खेलते परिवार को उजाडऩे वाले रईसजादे अमन बिड़ला के घर पर बुल्डोजर चलना चाहिए।

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Jun 30, 2024
रईसजादे अमन बिड़ला

हादसे के बाद पहली बार सामने आया पीडि़त परिवार, बोले हमारे पास अब तक न पुलिस पहुंची न प्रशासन

सागर. धन-दौलत के नशे में चूर रईसजादे ने मेरी मां, भाई और भतीजी की जान ले ली। पुलिस सख्ती की जगह लगातार उसे बचाने का प्रयास कर रही है, आरोपी को हवालात में सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं। हमारे हंसते-खेलते परिवार को उजाडऩे वाले रईसजादे अमन बिड़ला के घर पर बुल्डोजर चलना चाहिए। उसे इस गलती की सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, जिससे आगे कभी ऐसी गलती दोहराने की जुर्रत न कर सके। यह कहना है गोरा गांव निवासी कृष्णा सिंह ठाकुर का। उन्होंने बताया कि हादसे में उनकी मां शारदा उर्फ सीताबाई ठाकुर, छोटा भाई रामनेश ठाकुर और भतीजी महिमा की मौत हो गई, हमारा पूरा परिवार बिखर गया, इस घटना को 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन न तो हमारे पास पुलिस आई है और न ही प्रशासन का कोई अधिकारी-कर्मचारी।

- काम-धंधा भी बंद करना पड़ा

कृष्णा सिंह ने बताया कि वे मकरोनिया पर भवन निर्माण सामग्री की दुकान चलाते थे, लेकिन इस हादसे के बाद अब वह काम-धंधा भी बंद करना पड़ा। परिवार में छोटा भाई रामनरेश था तो वह खेती के साथ गांव-परिवार के काम संभाल लेता था और मैं दुकान चलाता था। अब परिवार में मेरे अलावा कोई नहीं बचा है, जिसके कारण अब गांव छोड़कर शहर में काम करना मुश्किल होगा।

- आर्थिक रूप से टूटे, कर्जा अलग

बीते कुछ सालों में परिवार की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ी है। कृष्णा सिंह ने बताया कि पिता जी को कैंसर हुआ तो मुंबई में इलाज चला। इसी दौरान उनको कोराना हो गया और अटैक भी आया। एक के बाद एक बीमारी के चलते जहां 20 लाख रुपए खर्च होने थे वहां 40 लाख लग गए और पिताजी को भी नहीं बचा सके, पिछले साल मई में उनका देहांत हो गया। परिवार की कोई ऐसी आय भी नहीं है कि जिससे पूर्ति हो सके। अब आर्थिक स्थिति तो कमजोर हुई ही, कर्जा हुआ वह अलग।

- मंगलवार को श्रद्धांजलि सभा

रईसजादे की कार की टक्कर से परिवार के तीन लोगों की मौत के बाद अब पीडि़तों ने मृत्युभोज की जगह श्रद्धांजलि सभा करने का निर्णय लिया है। परिवार से मिली जानकारी के अनुसार गोरा गांव में मंगलवार को दोपहर दो श्रद्धांजलि सभा होगी।

- बीमा क्लेम को लेकर गुमराह कर रही पुलिस

घटना के बाद पुलिस पीडि़त परिवारों को कानूनी धाराओं का पाठ पढ़ाकर गुमराह कर रही है। पुलिस ने आरोपी रईसजादे अमन बिड़ला पर धारा 304 ए, 279 व 337 के तहत मामला पंजीबद्ध किया था, जबकि पीडि़त परिवार व समाज के लोगों ने धारा 304 लगाने की मांग की थी। इसको लेकर जानकारी मिली है कि पुलिस का कहना है कि यदि धारा 304 लगाएंगे तो बीमा की राशि आरोपी को देनी होगी और यदि धारा 304 ए लगाई जाएगी तो बीमा कंपनी क्लेम की राशि देगी। धारा बढ़ाने की मांग कर रहे लोगों को बताया गया है कि चूंकि धाराएं बढ़ाने से आरोपी को भी सजा होगी, जिससे बचने वह हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है। ऐसे में समय भी लगेगा और बीमा की राशि भी पीडि़त परिवार को नहीं मिल पाएगी। पुलिस की इन्हीं बातों में सब उलझकर रह गए हैं।

- अधिकारियों की चुप्पी

हादसे के बाद लगातार नरयावली थाना पुलिस की लापरवाहियां और आरोपी रईसजादे के साथ चल रहीं सांठगांठ उजागर हो रहीं हैं। पहले आरोपी का एल्कोहल परीक्षण कराने में देरी, इसके बाद उसे गर्मी से राहत देने हवालात में कूलर की व्यवस्था, मनगणंत कहानी रचकर आरोपी पर धारा 151 की कार्रवाई और इसके बाद आठ दिन बाद भी जब्त कार में पड़ी मिली बीयर की बोतलें नरयावली थाना पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रही है। यह सब विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में भी है, लेकिन वे एक्शन लेने की जगह चुप्पी साधकर बैठे हैं।

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